पूर्व मंत्री एनोस एक्का की पत्नी मेनन एक्का को आदिवासी जमीन खरीदने की अनुमति देने वाले एलआरडीसी को हाईकोर्ट से बड़ी राहत

रांचीः झारखंड पूर्व मंत्री एनोस एक्का के पत्नी मेनन एक्का के नाम पर आदिवासी जमीन खरीदने की अनुमति देने के मामले में रांची के तत्कालीन एलआरडीसी रतिकांत झा को झारखंड हाईकोर्ट के बड़ी राहत मिली है।

हाई कोर्ट के जस्टिस एके चौधरी की अदालत ने इस मामले में रतिकांत झा के खिलाफ निचली अदालत द्वारा लिए संज्ञान व पूरी कार्यवाही को रद करने का आदेश दिया है।

रतिकांत झा ने इस मामले में सीबीआइ कोर्ट की ओर से लिए गए संज्ञान को हाई कोर्ट में चुनौती दी है और क्वैसिंग (निरस्त) याचिका दाखिल की थी।

धिवक्ता संजय पिपरवाल व प्रिंस कुमार सिंह ने अदालत को बताया कि वर्ष 2006 में हिनू मौजा में सीएनटी एक्ट के तहत आने वाली जमीन को उसके मालिक ने मेनन एक्का को बेचने के लिए एलआरडीसी के यहां आवेदन दिया था।

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इस मामले में सर्किल इंस्पेक्टर और सीओ ने रिपोर्ट दी की मेनन एक्का भी इसी बस्ती में रहती हैं। इसके अलावा इससे संबंधित मेनन एक्का और जमीन मालिक की ओर से शपथ पत्र भी दिया गया।

इसके आधार पर सीओ ने रिपोर्ट दिया कि उक्त जमीन मेनन एक्का को बेची जा सकती है। इसके बाद एलआरडीसी रतिकांत झा ने जमीन बेचने की अनुमति प्रदान कर दी।

एनोस एक्का पर वर्ष 2010 में सीबीआइ की ओर से आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का मामला दर्ज किया गया। इस मामले में सीबीआइ ने रांची के तत्कालीन एलआरडीसी रतिकांत झा को अभिुयुक्त बनाया।

अदालत को बताया गया कि उन्होंने सीओ और सीआइ की रिपोर्ट के बाद ही अनुमति दी है। ऐसे में उनपर मिलीभगत करने का आरोप सही नहीं है।

हालांकि इस दौरान सीबीआइ की ओर विरोध किया गया। उनका कहना था कि इस मामले में रतिकांत झा के खिलाफ आपराधिक मामला बनता है।

लेकिन अदालत ने सीबीआइ की दलील को खारिज करते हुए संज्ञान सहित अदालत की पूरी कार्यवाही को निरस्त कर दिया।

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