RTI: आईएएस मेघा भारद्वाज के खिलाफ विभागीय कार्रवाई और जुर्माने के आदेश पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, सूचना आयुक्त से मांगा जवाब

Ranchi: RTI झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस डॉ एसएन पाठक की अदालत में तत्कालीन प्रशिक्षु आईएएस मेघा भारद्वाज पर सूचना नहीं देने के मामले में जुर्माना लगाने और विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई।

दोनों पक्षों को सुनवाई के बाद अदालत ने माना कि सूचना आयुक्त की ओर बिना रिकॉर्ड सत्यापन के ही इस तरह का आदेश पारित करना प्रथम दृष्टया सही प्रतीत नहीं हो रहा है। इसलिए उक्त आदेश पर रोक लगाई जाती है। अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि राज्य में आईएएस की कमी है और करियर की शुरुआत में ही इस तरह का कड़ा आदेश पारित नहीं करना चाहिए।

अदालत ने इस मामले में सूचना आयुक्त से चार सप्ताह में जवाब तलब किया है और प्रतिवादी आलोक रंजन को नोटिस जारी किया है। मामले में अगली सुनवाई दीपावली के अवकाश के बाद होगी। इस संबंध में आईएएस मेघा भारद्वाज ने सूचना आयुक्त के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है।

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इससे पहले सुनवाई के दौरान आईएएस की ओर से अधिवक्ता प्रेम पुजारी राय ने बताया कि गिरिडीह जिले में तत्कालीन प्रशिक्षु आइएएस मेघा भारद्वाज को दो माह के लिए सीओ का कार्यभार दिया गया था। इस दौरान जनसूचना अधिकारी के रूप में उनसे आलोक रंजन की ओर से आरटीआई के तहत जानकारी मांगी गई।

सूचना आयुक्त के यहां सुनवाई के दौरान उनके वहां मौजूद नहीं होने और जानकारी नहीं देने का हवाला देते हुए आयुक्त ने उनपर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया और इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने की अनुशंसा सरकार से कर दी। जबकि उनकी ओर से सारी सूचनाएं समय से उपलब्ध करा दी गई थी। इसके बाद अदालत ने सूचना आयुक्त के आदेश पर रोक लगा दी।

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