रांचीः फांसी की सजा को हाईकोर्ट ने 25 साल की कैद में किया तब्दील, आपीएफ जवान पवन सिंह को परिवार के तीन लोगों की हत्या में मिली थी फांसी की सजा
रांचीः बरकाकाना रेलवे कॉलोनी के एक ही परिवार के तीन लोगों की गोली मार हत्या करने के अभियुक्त आरपीएफ के जवान पवन कुमार सिंह की फांसी की सजा को हाईकोर्ट ने रद्द करते हुए 25 साल की कैद में तब्दील कर दी। हाईकोर्ट की खंडपीठ ने 16 सितंबर को इस मामले की सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। गुरुवार को फैसला सुनाते हुए फांसी की सजा निरस्त करते हुए उम्र कैद की सजा सुनायी। फांसी की सजा के खिलाफ पवन कुमार सिंह ने हाईकोर्ट में अपील दायर की थी, जबकि राज्य सरकार ने सजा की पुष्टि के लिए याचिका दायर की थी।
पवन कुमार सिंह ने 17 अगस्त 2019 को इस घटना को अंजाम दिया था। इस मामले में रामगढ़ के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने 16 मार्च 2023 को पवन को धारा 302 के तहत दोषी पाते हुए फांसी की सजा सुनाई थी। इसके साथ ही धारा 307 में 10 साल कारावास और आर्म्स एक्ट में सात साल कारावास की सजा भी सुनायी थाी।
आरपीएफ जवान रहे पवन कुमार सिंह रोज रेल कर्मी अशोक राम के घर से दूध लेने आता था। 17 अगस्त 2019 की रात नौ बजे भी वह अशोक राम के घर दूध लेने गया था। किसी बात पर विवाद होने पर उसने अशोक राम समेत परिवार के पांच लोगों को गोली मार दी थी। गोली लगने से अशोक राम व उसकी पत्नी लीला देवी और उनकी गर्भवती पुत्री वर्षा देवी उर्फ मीना देवी की मौत हो गयी थी। जबकि बेटी सुमन देवी तथा पुत्र संजय राम गंभीर रूप से घायल हो गए थे। घटना को अंजाम देने के बाद जवान आरपीएफ के बैरक में गया था। हत्या में इस्तेमाल की गयी सरकारी पिस्टल को वह बैरक में ही छोड़कर भाग गया था। पुलिस ने घटना में इस्तेमाल उसके हथियार को बरामद कर लिया था। घटना के बाद से वह फरार था। 21 मार्च 2020 को पुलिस ने उसे बिहार के भोजपुर जिले के तरारी थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया था।