Ranchi: झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस आनंद सेन की अदालत में 15 अप्रैल मंगलवार को राज्य में लोकायुक्त का पद खाली होने के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अदालत ने लगभग चार सालों से लोकायुक्त का पद खाली होने पर कड़ी नाराजगी जताते हुए मुख्य सचिव से जवाब मांगा है। अदालत ने उनसे पूछा है कि लोकायुक्त की नियुक्ति की जाएगी या नहीं। अदालत ने मुख्य सचिव को दो सप्ताह में स्पष्ट जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। इस संबंध में अधिवक्ता अभय कुमार मिश्रा ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है। सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि स्कूल विवाद को लेकर अभय कुमार मिश्रा से तत्कालीन डीएसपी प्रभात रंजन बरवार ने उनसे पैसे की मांग की थी। प्रार्थी ने पैसे मांगने की बात को मोबाइल में रिकॉर्ड कर लिया था।
इसके बाद उनकी ओर से लोकायुक्त के वर्ष 2020 में शिकायत दर्ज कराई गई थी। लोकायुक्त के आदेश पर इस मामले की जांच तत्कालीन आइजी और डीआइजी ने की थी। उनकी ओर से कहा गया कि मोबाइल रिकार्डिंग से पैसे की लेनदेन की बात सामने आ रही है। लेकिन इसकी जांच फारेंसिंक जांच कराना उचित होगा। उनकी ओर यह भी कहा गया कि जिस समय की रिकार्डिंग की बात कही जा रही वह उस दौरान हटिया डीएसपी नहीं थे। इसलिए मामला झूठ प्रतीत हो रहा है। इस बीच लोकायुक्त का निधन होने से पद रिक्त हो गया। प्रार्थी की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। कहा गया है कि इस मामले की जांच सीआइडी या एसीबी से कराई जाए या फिर लोकायुक्त की नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी करने का आदेश दिया जाए। सुनवाई के दौरान अदालत ने लोकायुक्त के अधिवक्ता से पूछा कि लोकायुक्त कार्यालय में अभी कितने मामले लंबित हैं। उन्होंने कहा कि पद खाली होने की वजह हजारों मामले लंबित हैं। इसके बाद अदालत ने मुख्य सचिव को सिर्फ यह बताने को कहा है कि लोकायुक्त की नियुक्ति की जाएगी या नहीं।