Ranchi: झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव व जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ में मंगलवार को डेमोंस्ट्रेटर को टीचिंग से नॉन टीचिंग में बदलने और सेवानिवृत्ति की उम्र 65 से 60 साल करने के झारखंड सरकार के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई। खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान सभी पक्षों को सुनने के उपरांत फैसला सुरक्षित रख लिया। मामले के सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से बताया गया कि जब नियुक्ति की गई थी।
उस वक्त उनकी नियुक्ति टीचिंग स्टाफ के रूप में की गई थी। बाद में राज्य सरकार ने नॉन टीचिंग कर दिया। यह गलत है इसलिए सरकार के उसे आदेश को रद्द कर उनकी सेवानिवृत्ति की उम्र 65 वर्ष और उनकी उन्हें नॉन टीचिंग से टीचिंग में किया जाए। राज्य सरकार की ओर से बताया गया की चुकी इनका कैडर नन टीचिंग हो गया है। इसलिए उनकी सेवानिवृत्ति की उम्र 65 वर्ष नहीं होगी। वही विश्वविद्यालय की ओर से बताया गया कि यह सरकार के द्वारा निर्णय लिया गया है। इसमें विश्वविद्यालय की कोई भूमिका नहीं है। बृजेश कुमार वर्मा एवं अन्य कई की ओर से याचिका दायर की गई है। सभी याचिकाओं को एक साथ सूचीबद्ध कर मामले की सुनवाई की गई।