Ranchi: साइबर अपराधियों का मनोबल टूटने का नाम नहीं ले रहा है। लगातार देश में डिजिटल अरेस्ट कर लोगों से गाढ़ी कमाई की ठगी कर रहा है। पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी लोगों को सावधान रहने की बात कही थी। प्रचार भी किया जा रहा है। बावजूद लोग लगातार ठगी के शिकार बन रहे हैं। हाल में ही झारखंड की राजधानी रांची के बरियातू निवासी सेवानिवृत्त कोयला कंपनी के एक अधिकारी को 11 दिन डिजिटल अरेस्ट कर साइबर अपराधियों ने 2.27 करोड़ रुपये की ठगी कर ली। ठगी की राशि में उनकी पत्नी के नाम जमा राशि भी है। भुक्तभोगी ने मामले की शिकायत सीआईडी के साइबर थाने और साइबर क्राइम कंट्रोल नंबर 1930 पर की है। साइबर थाने में प्राथमिकी दर्ज कर पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है।
दर्ज प्राथमिकी में भुक्तभोगी ने कहा है कि 10 दिसंबर 2024 को उनके निजी मोबाइल नंबर पर एक अनजान कॉल आया। उधर से फोन करने वाले ने अपना नाम अभिराज शुक्ला बताया। कहा कि वह ट्राई का अधिकारी है। इसके बाद जनता को अवैध विज्ञापन और भ्रामक संदेश भेजने की कंप्लेन मिलने की बात कहकर झांसे में लिया। उन्हें अपने गिरोह के साथियों से वीडियो कॉल के जरिए जोड़ मानसिक रूप से तोड़ दिया। साथ ही मोबाइल कैमरे के सामने रहते हुए 10 दिसंबर से 20 दिसंबर के दौरान आठ बार में अलग-अलग बैंक खाते में 2.27 करोड़ रुपये ट्रांसफर कराए। देखें P05
इस गिरोह में एक महिला भी शामिल थी, जिसे अपना नाम पूनम गुप्ता बताया और यह भी कहा कि दिल्ली क्राइम ब्रांच की अधिकारी है। भुक्तभोगी कोल अफसर ने यह भी बताया कि इस ठगी में उनकी जिंदगीभर जमा पूंजी चली गई। जब उन्हें ठगी का अहसास हुआ तो उन्होंने ठग के मोबाइल नंबर पर कॉल किया, लेकिन किसी ने रिसीव नहीं किया। बाद में उनके नंबर को ब्लॉक कर दिया गया।
पीड़ित ने पुलिस को दी जानकारी में बताया कि बीते 10 दिसंबर को उनके मोबाइल पर एक कॉल आया। सामने वाले व्यक्ति ने खुद को ट्राई का अधिकारी बताया। उसने कहा कि उनके खिलाफ उनके रजिस्टर्ड नंबर और उनके लोकेशन (जो दिल्ली बताया गया था) पर कंप्लेन है। उस नंबर से जनता को अवैध विज्ञापन और भ्रामक संदेश भेजने का आरोप लगाया। पीड़ित ने जब उस नंबर और लोकेशन को गलत बताया तो उन्हें अरेस्ट करने की धमकी दी जाने लगी। पीड़ित को डरा देख ठग ने मदद का भरोसा दिलाते हुए साइबर क्राइम ब्रांच दिल्ली में फोन ट्रांसफर करने कि बात कही। क्राइम ब्रांच दिल्ली का अधिकारी बन पूनम गुप्ता ने पीड़ित को डराकर, घर में मोबाइल कैमरा के सामने रहने को कहा।
मनी लाउंड्रिंग का केस बता डराकर रखा : फोन करने वाले ने विभाग के उच्च पदाधिकारी तथाकथित आईपीएस समाधान पवार से संपर्क करवाया। इसके बाद 11 दिन तक लगातार वीडियो कॉल के माध्यम से धमकाया गया और वीडियो कॉल बंद नहीं करने को कहा गया। साइबर ठगों ने पीड़ित को झासे में लिया कि वे उनकी सहायता से असल अपराधी को पकड़ेंगे। मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के बाद पूनम और समाधान के द्वारा पैसे की मांग कि गई। पीड़ित ने पैसे देने का कारण पूछा तो ठगों ने कहा कि यह मनी लाउंड्रिंग का केस है। इसलिए अकाउंट का सर्विलांस करना है, जिसके लिए अकाउंट को खाली करना होगा। पीड़ित ने डर से ठगों द्वारा दिए गए बैंक विवरण पर अपने और अपनी पत्नी के अकाउंट से 2.27 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर दिए।
कब-कहां कितने पैसे किए ट्रांसफरः
● 11 दिसंबर – 30 लाख – धीरज पांडे (बैंक ऑफ महाराष्ट्र)
● 11 दिसंबर – 20 लाख – कमलेश चौधरी ( स्मॉल फाइनेंस बैंक)
● 17 दिसंबर – 33 लाख – प्रदीप जमुलकर ( बैंक ऑफ महाराष्ट्र)
● 17 दिसंबर – 35 लाख – पायल श्रीकांता (आरबीएल बैंक)
● 17 दिसंबर – 30 लाख – परमार मेहुल (बैंक ऑफ महाराष्ट्र)
● 18 दिसंबर – 33 लाख – योगेश श्रीकृष्णा (बैंक ऑफ महाराष्ट्र)
● 18 दिसंबर – 30 लाख – सुमित डे ( बैंक ऑफ महाराष्ट्र)
● 18 दिसंबर – 16.50 लाख – थंगराज के (यूको बैंक)