Ranchi: जेपीएससी द्वितीय सिविल सेवा भर्ती घोटाले की जांच में कुछ संदिग्ध अभ्यार्थियों के विरूद्ध अपूर्ण तरीके से क्लोजर रिपोर्ट प्रस्तुत करने पर सीबीआई की विशेष अदालत ने जांच की विश्वसनीयता पर बड़ा सवाल उठाया है। अदालत ने पाया है कि पूरी जांच को उचित तरीके से नहीं की गई है। चयन प्रक्रिया में व्यवस्थागत अनियमितताएं स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है। निगरानी ब्यूरो से भी कमजोर जांच की गई है। कई चयनित अभ्यर्थियों को परीक्षा के सभी स्तरों पर पीटी, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार के समय पक्षपात किया गया है। मामले के जांच अधिकारी दोषपूर्ण तथ्यों के प्रति उदासीन बने रहे तथा उनकी विस्तार से जांच नहीं की। इतना ही उसे नजरअंदाज कर दिया। जांच अधिकारी ने यह भी जांच नहीं की क्या अनुचित लाभ पहुंचाने के लिए कोई अवैध भुगतान या धन आदि की स्वीकृति हुई है।
अदालत ने दाखिल चार्जशीट में पाया कि कुछ आरोपी व्यक्तियों जैसे प्रशांत कुमार लायक, लाल मनोज नाथ साहदेव, कुमार शैलेंद्र, हरि उरांव और कुमारी गीतांजलि आदि के खिलाफ कोई सबूत नहीं जुटाया जा सका। जिनका नाम एफआईआर में दिया गया है। इसके विपरीत, उनके खिलाफ एफआईआर में विशिष्ट आरोप हैं, और एफएसएल की एक रिपोर्ट भी उपलब्ध है। जांच अधिकारी द्वारा आरोपी व्यक्तियों और अन्य को दोषमुक्त करने का कोई कारण नहीं दिया गया है। इसको देखते हुए आईओ ने जिन आरोपियों के खिलाफ क्लोजर रिपोर्ट दिया है। उस क्लोजर रिपोर्ट को अदालत अस्वीकृत करता है। साथ ही तय कानून के तहत मामले में आगे की जांच करने का निर्देश दिया जाता है। क्योंकि वर्तमान मामले में आगे की जांच, मामले में न्यायपूर्ण निर्णय के लिए आवश्यक है। अदालत ने इस आदेश को सीबीआई रांची के डीआईजी और एसपी को आवश्यक कार्रवाई के लिए भेजा है। साथ ही कहा कि मामले की जांच करते हुए जल्द ही पूरक चार्जशीट दाखिल करें।
सफल 172 चयनित उम्मीदवारों में से 139 की उम्मीदवारी संदिग्ध :
झारखंड हाईकोर्ट में राज्य सरकार की ओर से जनहित याचिका में दायर जवाबी शपथपत्र से पता चलता है कि 172 चयनित उम्मीदवारों की उत्तर पुस्तिकाओं की जांच में 139 उम्मीदवारी संदिग्ध पाई गई। जिसमें कटिंग और ओवर राइटिंग के बाद अंक बढ़ाए या घटाए गए थे। असफल उम्मीदवारों की उत्तर पुस्तिकाओं की जांच की गई। इसमें 120 उम्मीदवारों के मूल अंक कम कर दिया गया था।
516 की जगह 804 अभ्यर्थी सफल घोषित:
द्वितीय सिविल सेवा की मुख्य परीक्षा 3 से 18 फरवरी 2007 तक रांची के 34 केंद्रों पर आयोजित की गई थी। जिसमें 15,942 में से 12,918 अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए थे। मुख्य परीक्षा में अधिकतम 516 की जगह 804 अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया गया। तीन साक्षात्कार बोर्ड में साक्षात्कार 21 जनवरी से 12 फरवरी 2008 तक आयोजित किया गया था। जिसमें बोर्ड के अध्यक्ष ने विभिन्न उम्मीदवारों के अंकों में कटौती/परिवर्तन/वृद्धि की गई।