New Delhi: राहुल गांधी की मुश्किलें कम होने के नाम नहीं ले रही हैं। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने एक मामले में दिल्ली हाई कोर्ट हलफनामा दाखिल किया।
इसमें कहा गया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ओर से 2021 में दुष्कर्म और हत्या की शिकार नाबालिग दलित लड़की की पहचान उजागर करने वाली सोशल मीडिया पर की गई पोस्ट पीड़िता की पहचान की रक्षा करने वाले कानून का उल्लंघन है।
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बाल अधिकार निकाय ने पीड़िता के माता-पिता के साथ एक तस्वीर प्रकाशित करने के लिए गांधी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग वाली याचिका पर हलफनामा दायर कर अदालत के समक्ष अपना पक्ष रखा।
हलफनामे में कहा गया है कि राहुल गांधी ने नाबालिग पीड़िता की पहचान उजागर करते हुए अपने ट्विटर अकाउंट पर उसके माता-पिता के साथ अपनी मुलाकात की एक तस्वीर पोस्ट की थी। यह किशोर न्याय अधिनियम, 2015 के प्रावधानों का उल्लंघन है।
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मोदी सरनेम पर टिप्पणी मामले में राहुल गांधी पर दो मामले लंबित
मोदी सरनेम पर टिप्पणी मामले में राहुल गांधी के खिलाफ झारखंड में दो मामले दर्ज किए गए हैं। हालांकि उनको इस मामले में अंतरिम राहत मिली है।
रांची की अदालत ने उन्हें व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश दिया था। लेकिन उन्होंने झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिस पर उन्हें राहत मिली है।