रांची। झारखंड हाईकोर्ट में नियुक्ति के छह माह बाद सिपाही की सेवा समाप्त करने के आदेश को चुनाैती देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई। हाईकोर्ट के जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत ने सुनवाई के बाद प्रार्थी की याचिका खारिज कर दी। इसको लेकर प्रार्थी पुष्पांजलि कुमारी हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर सरकार के आदेश को चुनौती दी थी। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि जेएसएससी को अपनी गलती सुधारने का अधिकार है। सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से अदालत को बताया गया कि उसकी नियुक्ति हो गई थी, लेकिन बिना शो कॉज पूछे और विभागीय कार्यवाही किए ही उसकी सेवा समाप्त कर दी गई।
राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि प्रोबेशन के दौरान नियुक्ति से हटाने के पूर्व विभागीय कार्रवाई चलाने की जरूरत नहीं थी। वहीं जेएसएससी के अधिवक्ता संजय पिपरवाल ने बताया कि प्रार्थी ने इस नियुक्ति के लिए बीसी-वन में आवेदन दिया, लेकिन सत्यापन के समय प्रार्थी ने बीसी-टू का प्रमाण पत्र दिया। चूक के चलते जेएसएससी ने इसकी नियुक्ति के लिए संबंधित जिले को अनुशंसा भेज दी। इसके बाद प्रार्थी की नियुक्ति हो गई। बाद में गलती का पता चलने पर अनुशंसा वापस ले ली गयी।
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