चीफ जस्टिस को लिखा पत्र: दिल्ली के एक कोचिंग संस्थान के बेसमेंट में पानी भर जाने से तीन छात्रों की मौत का मामला अब उच्चतम न्यायालय पहुंच गया है। सिविल सेवा की तैयारी कर रहे एक छात्र ने मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को इस संबंध में पत्र लिखा है। इसमें उसने अपने सहपाठी छात्रों की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई करने की मांग की है।
मुख्य न्यायाधीश को लिखे पत्र में छात्र अविनाश दुबे ने कोचिंग सेंटरों के गढ़ राजेंद्र नगर और मुखर्जी नगर में जलभराव की समस्या का स्थायी समाधान तलाशने के लिए सरकार, नगर निगम और अन्य विभागों के अधिकारियों को उचित आदेश देने की मांग की है। पत्र में कहा है कि दिल्ली सरकार और दिल्ली नगर निगम की उदासीनता के चलते हर साल जलभराव होने के कारण इन क्षेत्रों में रहने वाले लाखों छात्र ‘नारकीय जीवन’ जी रहे हैं। दिल्ली सरकार और नगर निगम ने हमें (छात्रों) कीड़े-मकोड़ों के जैसा जीवन जीने के लिए मजबूर कर दिया है। दोनों की उदासीनता के चलते हम जैसे छात्र नरक जैसे जीवन जीते हुए अपनी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं।
वकील ने हाईकोर्ट के न्यायाधीश को पत्र लिखा एक वकील ने सोमवार को राजेंद्र नगर हादसे पर हाईकोर्ट से संज्ञान लेने और राष्ट्रीय राजधानी में ऐसे सभी संस्थानों और पुस्तकालयों की तत्काल सुरक्षा जांच का आदेश देने का आग्रह किया है। अधिवक्ता सत्यम सिंह द्वारा हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश को लिखे पत्र के अनुसार, यह घटना उन क्षेत्रों में शैक्षणिक सुविधाओं को नुकसान पहुंचाने वाली लापरवाही के एक बड़े पैटर्न का हिस्सा है, जहां अनगिनत कोचिंग सेंटर दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के नियमों का घोर उल्लंघन करते हुए चल रहे हैं। सिंह ने पत्र में कहा कि इन घटनाओं की बार-बार होने वाली प्रकृति छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में प्रणालीगत विफलता की ओर इशारा करती है।