रांचीः Lalu Prasad Yadav चारा घोटाला मामले में सजा काट रहे लालू प्रसाद के जेल मैनुअल उल्लंघन मामले में अब पांच फरवरी को सुनवाई होगी। इस दौरान अदालत ने संसोधित एसओपी (SOP) पर हुए निर्णय की जानकारी गृह विभाग से मांगी है।
इस दौरान जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत ने रिम्स (RIMS) की ओर से मेडिकल रिपोर्ट दाखिल नहीं करने पर रिम्स को रिमांइडर भेजने का निर्देश दिया है। अब इस मामले में पांच फरवरी को सुनवाई होगी।
अदालत ने जेल आईजी की ओर से दाखिल रिपोर्ट का अवलोकन किया। इसमें कहा गया है कि जेल से बाहर कैदियों के इलाज के दौरान सुरक्षा सहित अन्य सुविधाओं के बारे में संसोधन किया जा रहा है।
उक्त एसओपी को गृह विभाग भेजा गया है। वहां से अप्रूवल मिलने में दो सप्ताह का समय लग सकता है। ऐसे में सरकार की ओर से अदालत से समय की मांग की गई।
अदालत ने सुनवाई के दौरान पूछा कि लालू की सुरक्षा के लिए कितने पुलिस बल की तैनाती की गई है। इस पर कहा गया कि तीन पालियों में दो पुलिसकर्मी तैनात रहते हैं और मजिस्ट्रेट भी तैनात है।
अदालत ने पूछा कि मजिस्ट्रेट को क्यों तैनात किया गया है। इस पर अपर महाधिवक्ता आशुतोष आनंद ने कहा कि अगर किसी प्रकार की कानून व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न होती है, तत्काल निर्णय के लिए ऐसा किया गया है।
इस पर अदालत ने कहा कि आप कहना चाहते हैं कि अस्पताल परिसर में लालू के समर्थकों की भीड़ को देखते हुए ऐसा किया गया है। इस पर आशुतोष आनंद ने कहा कि ऐसा नहीं है।
लालू प्रसदा जहां भर्ती हैं, अगर वहां किसी प्रकार की स्थिति उत्पन्न होती है, तो उसके लिए मजिस्ट्रेट तैनात किया गया है। बता दें कि सितंबर माह से मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई है।
दरअसल, लालू के जेल मैनुअल उल्लंघन पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए जेल आईजी और रिम्स प्रबंधन से रिपोर्ट मांगी है।