नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति पर झारखंड हाई कोर्ट ने विधानसभा से मांगा जवाब

झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ में राज्य में नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति को लेकर सुनवाई करते हुए दो बिंदुओं पर विधानसभा सचिव से जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई के लिए 25 जुलाई की तिथि निर्धारित की है।

अदालत ने विधानसभा से पूछा है कि यदि कोई राजनीतिक दल अगर विपक्ष के नेता के लिए किसी का नाम देता है तो विधानसभा स्पीकर क्या सिर्फ इस आधार पर इस मामले को लंबित रख सकते हैं कि उनके खिलाफ दलबदल का केस चल रहा है।

विधानसभा सचिव देंगे जवाब

दूसरे बिंदु में कोर्ट ने कहा है कि क्या हाई कोर्ट को यह अधिकार है कि वह विधानसभा अध्यक्ष को विपक्ष के नेता बनाने के लिए निर्देश दे सकता है। राज्य सरकार के द्वारा भी मामले में जवाब दाखिल करने के लिए कोर्ट से समय की मांग की गई।

इससे पहले सुनवाई के दौरान झारखंड विस की ओर से कोर्ट को बताया गया कि मामले में सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल बीमार हैं, इसलिए समय दिया जाए। इसका प्रार्थी राजकुमार के अधिवक्ता द्वारा विरोध किया गया।

उनकी ओर से कहा गया कि पिछले 3 बार से समय मांगा जा रहा है। जानकारी हो कि याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार ने 2020 में सूचना आयुक्तों की नियुक्ति कर लेने का अंडरटेकिंग दिया था, लेकिन अब तक सूचना आयुक्तों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी नहीं की जा सकी है।

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