झारखंड हाई कोर्ट ने सीसीए एक्ट लगाने पर कहा, गृह सचिव की लापरवाही; विभागीय कार्यवाही चलनी चाहिए
Ranchi: झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) के जस्टिस एस चंद्रशेखर व रत्नाकर भेंगरा की खंडपीठ में अवैध खनन घोटाले में ईडी के गवाह अशोक यादव की ओर से क्राइम कंट्रोल एक्ट (CCA) को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने अशोक यादव पर लगाए गए सीसीए को अवैध करार देते हुए तत्काल रिहा करने का आदेश दिया।
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि इस मामले में विभागीय मंत्री बिना विचार किए ही प्रार्थी पर सीसीए लगाने का आदेश दिया है। गृह विभाग के अधिकारियों ने मामले में घोर लापरवाही बरती है। गृह सचिव ने भी विभाग की ओर से तैयार सीसीए के प्रस्ताव पर बिना कोई विचार किए ही इसे आगे बढ़ा दिया। इस कृत्य के लिए उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही की जा सकती है। क्योंकि किसी की संवैधानिक अधिकारों का हनन किया गया है।
सीसीएल लगाना अवैधः हाई कोर्ट
अदालत ने अशोक यादव के खिलाफ लगाए गए सीसीए को अवैध करार देते हुए रिहा करने का आदेश दिया है। अदालत ने कहा कि राज्य सरकार ने उसके निवेदन पर विचार करने में 50 दिनों की देरी की जो कि गलत है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक आदेश में कहा है कि जब इस तरह के मामले में प्रार्थी की ओर से अभ्यावेदन दिया जाता है, तो सरकार को उस पर शीघ्र निर्णय लेना है। सुप्रीम कोर्ट ने 19 दिन की देरी पर प्रार्थी को राहत प्रदान की है।
संथाल क्षेत्र में 1000 करोड़ रुपये के अवैध खनन मामले में ईडी ने अशोक यादव को अपना गवाह बनाया था। साहिबगंज पुलिस ने गिरफ्तार उसे कर न सिर्फ जेल भेजा था, बल्कि झारखंड सरकार ने उस पर सीसीए की अनुशंसा की थी। अशोक यादव साहिबगंज के मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के सकरीगली के समदा नाला निवासी है।
साहिबगंज के डीसी एवं एसपी की अनुशंसा पर गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने अशोक यादव को 15 दिसंबर तक के लिए सीसीए के तहत निरूद्ध कर दिया था। बीते 11 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने ईडी के गवाह पत्थर कारोबारी प्रकाश चंद्र यादव उर्फ मुंगेरी यादव को सीसीए से राहत प्रदान की थी। आदेश पर उसी दिन तत्काल रिहा किया गया था। इससे राज्य सरकार को इस सप्ताह सीसीए लगाने के मामले में झटका लगा है।
पत्थर व्यवसायी मुंगेरी यादव का करीबी है अशोक यादव
अशोक यादव पंकज मिश्रा के प्रतिद्वंद्वी मुंगेरी यादव का करीबी है। साहिबगंज क्षेत्र में आठ जुलाई 2022 को छापेमारी के बाद से ही साहिबगंज पुलिस भी सक्रिय हो गई थी। उसे आर्म्स एक्ट के एक मामले में पहले 29 जुलाई 2022 को पत्थर किंग के नाम से जाना जानेवाले मुंगेरी यादव को गिरफ्तार किया था। अगले दिन ही वहां के पुलिस ने अशोक यादव को गिरफ्तार किया था।
अशोक यादव को दाहू यादव के जहाज पर गोलाबारी मामले में साहिबगंज मुफस्सिल थाने में दर्ज केस में गिरफ्तार किया गया था। उस पर आधा दर्जन केस है, जो बिजली चोरी, अवैध खनन व आर्म्स एक्ट से जुड़ा है। अवैध खनन मामले में मनी लाउंड्रिंग के तहत अनुसंधान के दौरान ईडी ने आठ जुलाई 2022 को साहिबगंज में सीएम के बरहेट विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा व अन्य सहयोगियों से जुड़े 20 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की थी। इस छापेमारी में ही ईडी ने विधिवत जब्ती सूची तैयार की थी। जिस पर अशोक यादव ने गवाह के तौर पर अपना हस्ताक्षर किया था।
हाई कोर्ट के आदेश का लिंक नीचे हैं।