रांचीः आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को नियुक्ति में दस प्रतिशत आरक्षण देने के खिलाफ दाखिल याचिका पर बहस पूरी होने के बाद झारखंड हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।
जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत में इस मामले में सुनवाई हुई। प्रार्थी के अधिवक्ता सौरभ शेखर ने अदालत को बताया कि जेपीएससी ने सहायक अभियंता की नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाला है।
इसमें आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों के दस प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान किया गया है। उनका कहना था कि संविधान में संशोधन कर सवर्णों को आरक्षण देने का प्रावधान वर्ष 2019 में हुआ है।
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जबकि यह नियुक्ति वर्ष 2013 से 2015 की है। सभी को एक साथ करके सहायक अभियंता की नियुक्ति निकाली गई है। संविधान में हुए संशोधन में स्पष्ट है कि यह लागू होने की तिथि से प्रभावी होगा।
लेकिन नियुक्ति पिछले साल की है, ऐसे में आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को आरक्षण का लाभ इस नियुक्ति में नहीं दिया जा सकता है।
सरकार ने इसका विरोध करते हुए कहा कि उक्त नियुक्ति में आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को आरक्षण दिया जाएगा, क्योंकि इसके लिए सभी कानूनी प्रावधानों का पालन किया गया है।
इसके बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। गौरतलब है कि इस मामले में प्रार्थी रंजीत कुमार साह की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।