झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा और जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने रांची पहाड़ी मंदिर विकास समिति को भंग किए जाने पर झारखंड हाई कोर्ट ने सरकार और झारखंड हिन्दू न्यास बोर्ड को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। मामले में अगली सुनवाई 21 नवंबर को होगी।
हिंदू न्यास बोर्ड की ओर से पहाड़ी मंदिर समिति भंग किए जाने के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। सुनवाई के दौरान प्रार्थी के अधिवक्ता अभय कुमार मिश्र ने अदालत को बताया कि बोर्ड ने धारा 29 का उपयोग करते हुए प्रबंध समिति भंग कर नए नयी समिति का गठन किया है।
पहाड़ी मंदिर समिति को भंग करने को दी गई है चुनौती
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समिति भंग करने के पूर्व नोटिस जारी नहीं किया गया है और न ही कारण बताया गया है। यह आदेश गैर संवैधानिक है। बिना नोटिस दिए कमेटी भंग नहीं की जा सकती। राजनीतिक उद्देश्य से इसे भंग किया गया है।
याचिका में आरोप लगाया है कि कमेटी भंग कर एक ही राजनीतिक दल के लोगों को ही पदाधिकारी नियुक्त कर दिया गया है। झारखंड के कई मंदिरों में जो मंदिर के सेवक हैं उसे हटाकर परिवार वाले लोगों को बढ़ावा दिया गया है ।
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पहाड़ी मंदिर प्रबंध समिति जिसे वर्तमान में भंग कर दिया गया है उसमें रांची जिला के पदाधिकारी ही अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और अन्य पदों पर रहते थे । ऐसा समिति के बायोलॉज में ही लिखा हुआ है। सनातन धर्म में आस्था रखने 50 श्रद्धालु समिति में सेवक के रूप में थे जिसे भंग कर नई समिति बनाई गई है।
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