झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा ने अपने विदाई समारोह में कहा कि झारखंड का कार्यकाल मेरे लिए सबसे कठिन रहा। जब चीफ जस्टिस बना तो काफी कम समय में नयी बिल्डिंग में शिफ्ट करना बड़ी चुनौती थी।
चीफ जस्टिस के रूप में जब सेवा शुरू की तो लंबित मामलों की संख्या भी काफी थी और उन्हें कम करना भी चुनौती थी। झारखंड हाई कोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन की ओर से आयोजित विदाई समारोह को वह संबोधित कर रहे थे।
चीफ जस्टिस संजय मिश्रा को एसोसिएशन ने दी विदाई
चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा ने कहा कि एक्टिंग चीफ जस्टिस से बनने से ज्यादा जिम्मेवारी का काम चीफ जस्टिस के रूप में करना होता है। उम्मीद है कि झारखंड की जनता को मेरा कार्यकाल अच्छा लगेगा। युवा वकीलों को संदेश देते हुए चीफ जस्टिस ने कहा कि सकारात्मक सोच के साथ कठिन परिश्रम करें।
ईश्वर की आराधाना करना जीवन का लक्ष्य- संजय कुमार मिश्रा
रिटायरमेंट के बाद अब ईश्वर की आराधना करना जीवन का उद्देश्य है। झारखंड और यहां किए गए कार्य मुझे हमेशा याद रहेगा। विदाई समारोह आयोजित करने के लिए उन्होंने एडवोकेट एसोसिएशन का आभार भी जताया।
एसोसिएशन की अध्यक्ष ऋतु कुमार ने कहा कि नए भवन में हाईकोर्ट शुरू कराने में चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा की महत्वपूर्ण भूमिका रही। हाईकोर्ट के सभी वकील उन्हें हमेशा याद रखेंगे। चीफ जस्टिस संजय मिश्रा ने शुक्रवार को अंतिम कोर्ट किया।
शनिवार और रविवार को अदालत की कार्यवाही नहीं होती। 24 दिसंबर से एक जनवरी तक हाईकोर्ट में शीतकालीन अवकाश रहेगा। 28 दिसंबर को वह सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
विदाई समारोह में हाईकोर्ट के सभी न्यायाधीश, महाधिवक्ता राजीव रंजन, स्टेट बार काउंसिल के अध्यक्ष, हाईकोर्ट के वरीय अधिवक्ता, काउंसिल के सदस्य, एडवोकेट एसोसिएशन की अध्यक्ष ऋतु कुमार, महासचिव नवीन कुमार और अन्य कार्यकारिणी सदस्य समेत अपर महाधिवक्ता और हाईकोर्ट के सभी अधिवक्ता मौजूद रहे।
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