देवघर एयरपोर्ट पर नाइट लैंडिंग के लिए टूटेंगे सात भवन, HC ने मालिकों को 25 फीसद मुआवजा बढ़ाकर देने का दिया निर्देश

Deoghar Airport Night Landing: झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ में देवघर एयरपोर्ट में नाइट लैंडिंग शुरू नहीं होने को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई।

सुनवाई के बाद अदालत ने देवघर एयरपोर्ट के आसपास के टूटने वाले सात ऊंचे भवनों के मुआवजा को लेकर निर्धारित की गई राशि में 25 प्रतिशत बढ़ोतरी करने का आदेश दिया है। अदालत ने सरकार को एक माह में मकान मालिकों को मुआवजा भुगतान करने का आदेश दिया है। उसके बाद भवनों को तोड़ने की प्रक्रिया शुरू की जाए।

इस मामले में गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की ओर से अवमानना याचिका दाखिल की गई थी। इससे पहले प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता दिवाकर उपाध्याय ने अदालत को बताया था कि देवघर डीसी के निर्देश पर देवघर एयरपोर्ट के आसपास सात ऊंचे भवनों को मुआवजा देने के लिए असेसर ने अपनी रिपोर्ट दे दी है।

देवघर एयरपोर्ट के पास भवनों को तोड़ने का निर्देश

असेसर ने सात भवनों की मापी कर उनके क्षतिग्रस्त होने से मकान मालिकों को मिलने वाली मुआवजा राशि भी निर्धारित कर दी है। इनमें से पांच मकान के मालिकों ने निर्धारित किए गए मुआवजा पर अपनी सहमति दे दी है। लेकिन दो मकान के मालिकों ने मुआवजा राशि पर आपत्ति जताते इसे बढाने का आग्रह किया है।

पूर्व की सुनवाई में केंद्र सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि देवघर एयरपोर्ट के आस-पास की साथ ऊंचे भवनों को तोड़ा जाना है। इन भवनों के मालिकों को होने वाले नुकसान का आकलन जरूरी है, ताकि उन्हें उचित मुआवजा दिया जा सके। जिस पर अदालत ने देवघर डीसी को असेसर नियुक्त करने का निर्देश दिया था।

बता दें कि भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की ओर से देवघर एयरपोर्ट के सुचारू ढंग से संचालन करने एवं वहां नाइट लैंडिंग की सुविधा देने को लेकर अवमानना याचिका दाखिल की गयी है।

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