वधशाला में ही जानवर काटकर बेचने के रांची नगर निगम का आदेश निरस्त

रांचीः राजधानी के कांके स्थित वधशाला में ही जानवरों को काट कर दुकानों में मांस बेचने के रांची नगर निगम के आदेश को हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है।

जस्टिस राजेश शंकर की अदालत ने कहा कि रांची नगर निगम की ओर से जारी आदेश का सरकार से अनुमोदन प्राप्त नहीं है। इसलिए उक्त आदेश को खारिज किया जाता है।

पूर्व में अदालत ने सभी पक्षों की ओर से बहस पूरी होने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। अदालत ने बुधवार को अपना फैसला सुनाते हुए निगम का आदेश खारिज कर दिया।

रांची नगर निगम बनाए नियमावली

अदालत ने इसके लिए सरकार को जल्द नियमावली बनाने का निर्देश दिया है। नगर निगम ने वर्ष 2018 में रांची में खुले में जानवरों का वध करने पर रोक लगाते हुए कांके स्थित वधशाला में ही जानवर काटे जाने का आदेश दिया था।

ऐसा नहीं करने पर दुकानदारों पर जुर्माना लगाने की बात कही थी। पूर्व में नगर निगम की ओर से अदालत को बताया गया कि वधशाला में जानवरों को काटे जाने से पहले चिकित्सक द्वारा चेकअप किया जाता है। ताकि स्वस्थ्य मांस लोगों को उपलब्ध कराया जा सके।

इस संबंध में सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। फिलहाल प्रस्ताव पर अनुमति अभी लंबित है। इसके खिलाफ कुरैशी पंचायत की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।

प्रार्थियों की ओर से कहा गया कि कांके वधशाला काफी दूर है। वहां जाने पर जानवर को काटने में काफी समय लगता है। ऐसे में उनकी दुकानदारी पर असर पड़ेगा। इसलिए नगर निगम का आदेश सही नहीं है।

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