रांची। झारखंड हाईकोर्ट ने बहुचर्चित जेई राम विनोद सिन्हा की पत्नी, बेटी और बेटे को राहत प्रदान कर दी है। जस्टिस एके चौधरी की अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद निगरानी कोर्ट द्वारा जारी वारंट व इश्तेहार के आदेश को निरस्त कर दिया। हालांकि अदालत ने एसीबी को इस मामले में जांच जारी रखने की छूट प्रदान की है।
जेई राम विनोद सिन्हा की पत्नी शीला कुमारी, बेटी पूजा सिन्हा और बेटा राहुल सिन्हा को आय से अधिक संपत्ति के आरोप में निगरानी कोर्ट ने सिंतबर 2019 को गैर जमानतीय वारंट जारी किया था। इसी आदेश के खिलाफ इन लोगों ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
एसीबी ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में जेई राम विनोद सिन्हा पर प्राथमिकी दर्ज की थी। जांच के दौरान एसीबी ने उनकी पत्नी, बेटी और बेटे को भी अभियुक्त बनाया है। जांच में एसीबी ने पाया कि राम विनोद सिन्हा ने एक दिन में खूंटी जिले के योजना मद की चालीस लाख रुपये अपनी पत्नी के बैंक ऑफ इंडिया के बैंक खाते में जमा कराए। बाद में पत्नी ने राशि को अपने परिचित एक कंपनी को स्थानांतरित किया।
एसीबी ने तीनों अभियुक्तों पर आय से अधिक संपत्ति छिपाने व उसके उपयोग में सहायता करने का आरोप लगाते हुए अप्राथमिक आरोपी बनाया। इसके बाद एसीबी के आवेदन पर निगरानी कोर्ट ने तीनों के खिलाफ गैर जमानतीय वारंट जारी कर दिया। इस मामले में सुनवाई करते हुए अदालत ने तीनों को एसीबी में अपना बयान दर्ज कराने का निर्देश दिया और इस दौरान उनके खिलाफ पीड़क कार्रवाई पर रोक लगा दी थी। इसके बाद एसीबी ने कहा कि इनके बयान में बहुत साक्ष्य मिले हैं, जिसके आधार पर इनके खिलाफ जल्द ही आरोप पत्र दाखिल किया जाएगा।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से अदालत को बताया गया कि एसीबी ने अदलत से वारंट लेने में नियमों का पालन नहीं किया है। कहा गया कि जब आरोपी फरार हो और गिरफ्तारी से बच रहा हो तो ही इसका हवाला देकर वारंट जारी करने के लिए आवेदन दिया जा सकता है। लेकिन एसीबी ने ऐसा नहीं किया है। इसलिए निचली अदालत के आदेश को निरस्त कर दिया जाए। इसके बाद अदालत ने गैर जमानतीय वारंट व इश्तेहार के आदेश को निरस्त करते हुए याचिका को निष्पादित कर दी।