पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) से बड़गाई अंचल से जुड़े 8.86 एकड़ जमीन घोटाले के मामले में गिरफ्तार हजारीबाग के कोर्ट कर्मी मो इरशाद, कोलकाता के रजिस्ट्रार ऑफ एश्योरेंस के कर्मी तापस घोष और संजीत कुमार को तीन दिन की पुलिस रिमांड अवधि पूरी होने पर शनिवार को पीएमएलए कोर्ट में पेश किया गया।
जहां से तीनों को न्याय हिरासत में लेते हुए 30 मई तक के लिए बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा भेज दिया गया। ईडी ने कोर्ट की इजाजत के बाद तीनों आरोपियों को अपने साथ जेल से ले जाकर तीन दिनों तक गहन पूछताछ की है। ईडी के समन पर तीनों 9 मई को रांची स्थित जोनल कार्यालय पहुंचे थे। ईडी ने तीनों से पूछताछ शुरू की।
पूछताछ में अहम जानकारी मिलने के बाद ईडी ने तीनों को संलिप्ता के आधार पर गिरफ्तार किया था। मालूम हो कि ईडी की प्रारंभिक जांच में तीनों ने अपनी संलिप्ता स्वीकार की है। जानकारी के अनुसार हजारीबाग का कोर्ट कर्मचारी मो इरशाद के द्वारा फर्जी डीड की राइटिंग की जाती थी।
इरशाद ने फर्जी डीड राइटिंग के एवज में पूर्व से जेल में बंद अफसर अली और सद्दाम से तकरीबन आठ लाख रुपए लिए थे। वहीं कोलकाता के रजिस्ट्रार ऑफ एश्योरेंस के कर्मी तापस घोष और संजीत कुमार के द्वारा कोलकाता में रिकॉर्ड से पेपर गायब किया जाता था। इसके एवज में मोटी रकम प्राप्त होती थी।