टूटे हुए मार्गों से अफसर नहीं गुजर सकते तो आम लोग क्यों चलें: हाईकोर्ट
पिछले नौ साल से टूटी सड़कों को बनवाने के लिए कोटला मुबारकपुर के निवासियों को दिल्ली हाईकोर्ट का रुख करना पड़ा। दो साल तक कानूनी लड़ाई लड़ी और अब जाकर अदालत ने दिल्ली नगर निगम को निर्देश दिया है कि वह इस इलाके की तीन संबंधित सड़कों को तीन महीने में बनाकर तैयार करें। इन बदहाल सड़कों की फोटो देखने के बाद निगम के अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा कि क्या आप इस इलाके में रह सकते हैं या यहां से गुजर सकते हैं। अगर आप ऐसा नहीं कर सकते तो दिल्ली के निवासियों को ऐसे हालात में रहने के लिए मजबूर क्यों किया जा रहा है?
एक्टिंग चीफ जस्टिस मनमोहन एवं जस्टिस तुषार राव गेडेला की पीठ ने दिल्ली नगर निगम को कोटला मुबारकपुर गुरुद्वारा रोड, शान चंद मार्ग व बापू पार्क मार्ग को तीन महीने के भीतर बनाकर क्षेत्रीय निवासियों के सुपुर्द करने को कहा है। अदालत ने कहा कि इससे पहले उसके आदेश पर इन सड़कों पर निर्माण कार्य शुरू किया गया था, लेकिन घटिया निर्माण सामग्री के इस्तेमाल पर काम को रोक दिया गया। पीठ ने इस बार निगम को स्पष्ट किया है कि सड़क निर्माण के लिए अच्छी सामग्री का इस्तेमाल किया जाए। दरअसल, मामले की सुनवाई के दौरान क्षेत्रीय निवासी मंजीत सिंह चुघ ने इन सड़कों के फोटोग्राफ पेश किए। जगह-जगह गड्ढे व चारों तरफ गंदगी फैली पड़ी है।
खराब सामग्री के प्रयोग करने पर उठाई आवाज
इस मामले में खास बात यह रही कि उच्च न्यायालय के आदेश पर वर्ष 2023 में सड़कें बनना शुरु हुईं, लेकिन इन सड़कों के निर्माण के लिए घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया जा रहा था। इसके खिलाफ भी क्षेत्रीय निवासियों ने आवाज उठाई और सामग्री की जांच लैब में कराई। उच्च न्यायालय में निगम ने बताया कि इस गलती के लिए निगम के कनिष्ठ अभियंता को बर्खास्त कर दिया गया है। हालांकि, उसके बाद सड़क निर्माण का कार्य वहीं रुक गया था।