जमीन घोटाला मामले में आरोपी रांची के पूर्व उपायुक्त छवि रंजन को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है। जस्टिस बेला एम त्रिवेदी व जस्टिस एससी शर्मा की खंडपीठ ने मंगलवार को जमानत देने से इनकार करते हुए छवि रंजन की याचिका खारिज कर दी। अदालत ने कहा कि हाई कोर्ट का आदेश सही है। अदालत जमानत के आदेश में हस्तक्षेप करने की इच्छुक नहीं है। उक्त याचिका खारिज की जाती है। छवि रंजन ने डिफाल्ट बेल के लिए याचिका दाखिल की थी। याचिका में कहा गया था कि ईडी ने उनकी गिरफ्तारी के बाद निर्धारित समय पर आरोप पत्र दाखिल नहीं किया है। इस आधार पर उन्हें जमानत मिलना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने उनकी दलीलों को स्वीकार नहीं किया। सुनवाई के दौरान ईडी ने आरोप लगाया कि झारखंड में माफिया की ओर से भूमि कब्जा करने का एक बड़ा गिरोह सक्रिय है। छवि रंजन ने निर्धारित समय के भीतर आरोपपत्र दायर नहीं करने के आधार पर जमानत का अनुरोध करते हुए हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। हाई कोर्ट ने कहा कि जांच एजेंसी की ओर से जांच को पूरा करने में कोई विसंगति नहीं है। एक आरोपपत्र पहले ही दाखिल किया जा चुका है। इस आधार पर जमानत का कोई मतलब नहीं है। छवि रंजन को चेशायर होम रोड में जमीन की अवैध खरीद-बिक्री के मामले में ईडी ने गिरफ्तार किया है। इसके बाद छवि रंजन ने डिफाल्ट बेल के लिए ईडी कोर्ट और हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। दोनों से जगह से याचिका खारिज होने के बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी