Hunger Death in Jharkhand: हाईकोर्ट ने कहा- सिर्फ कागजों पर नहीं चले योजनाएं, सरकार इसे धरातल पर उतारे

Ranchi: Hunger Death in Jharkhand झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में भूख से कथित मौत मामले पर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अदालत ने झालसा की रिपोर्ट पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है। मामले में अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी।

सुनवाई के दौरान झालसा की ओर से अधिवक्ता मनोज टंडन ने अदालत को बताया कि कोर्ट के आदेश पर झालसा की टीम ने पूर्वी सिंहभूम के बोरम गांव का दौरा किया था। पता चला कि इस गांव अभी तक सरकारी योजनाओं का किसी को लाभ नहीं मिल है।

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इस गांव में न तो पक्के मकान है और न ही शिक्षा और पानी की उचित व्यवस्था है। जबकि राज्य सरकार की ओर से इस मामले में स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया है। सरकार की ओर से दिए जवाब में बताया गया है कि राज्य और केंद्र सरकार की कई योजनाओं चल रही हैं। जिसका लाभ मिलना चाहिए।

सरकार के जवाब में इस बात का कोई जिक्र नहीं है कि आखिर उक्त गांवों में योजनाएं क्यों नहीं पहुंची है। इस पर अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि सरकार के पास कई योजनाएं हैं, लेकिन सरकार को यह देखना होगा कि इनका जमीन पर क्रियान्वयन किया जाए, सिर्फ कागज पर ही योजनाएं नहीं रह जाएं। कल्याणकारी योजनाओं का लाभ सभी को दिलाने की जिम्मेवारी राज्य सरकार की है। इसके बाद अदालत ने सरकार को झालसा की सर्वे रिपोर्ट पर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।

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