हाईकोर्टः संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठ रोकने की मांग वाली जनहित याचिका पर गुरुवार को झारखंड हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद और जस्टिस एके राय की खंडपीठ में सुनवाई हुई।सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केंद्र सरकार द्वारा हलफनामा दाखिल नहीं करने पर कड़ी नाराजगी जताई। तल्ख मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि क्या केंद्र सरकार घुसपैठियों के देश में प्रवेश करने के बाद कार्रवाई करेगी। बांग्लादेश में अभी उथल-पुथल की स्थिति है और वहां राजनीतिक अस्थिरता है। ऐसे में बांग्लादेशी घुसपैठियों को भारत में रोकने के लिए बीएसएफ द्वारा सीमा की कड़ी निगरानी करनी होगी। जरूरत पड़ी तो केंद्र से जवाब मांगा जा सकता है। यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है। कोर्ट ने संबंधित विभाग को प्रतिवादी बनाया है। नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। मामले की अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद 22 अगस्त को होगी।।
दरअसल, पिछली सुनवाई के दौरान अदालत ने संताल परगना के छह जिलों के उपायुक्तों की बजाय कनीय अधिकारियों द्वारा शपथपत्र दाखिल किए जाने पर कड़ी नाराजगी जताई थी। अदालत ने कहा था कि कोर्ट को गुमराह करने का प्रयास क्यों किया जा रहा है। अदालत ने देवघर, दुमका, गोड्डा, साहिबगंज, पाकुड़ और जामताड़ा के उपायुक्तों को दोबारा शपथपत्र दाखिल करने का निर्देश दिया था। अदालत ने सभी उपायुक्तों को यह निर्देश दिया था कि आपसी सामंजस्य से बांग्लादेश की तरफ से आने वाले घुसपैठियों को चिह्नित कर उन्हें वापस भेजने की एक कार्ययोजना तैयार कर काम करें। संबंधित जिलों के एसपी घुसपैठ का डाटा उपलब्ध कराने में उपायुक्तों को सहयोग करेंगे। मुख्य सचिव इन सभी की निगरानी करेंगे।