High Court News: झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस एसएन प्रसाद व जस्टिस एके राय की खंडपीठ में मादक पदार्थों की बिक्री पर रोकथाम को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान अदालत ने स्कूल एवं मंदिर के आसपास बार एवं रेस्टोरेंट चलाए जाने पर चिंता जताई है। अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि ऐसे जगहों पर बार एवं रेस्टोरेंट चलाने की अनुमति न दी जाए। लाइसेंस में शर्त के अनुसार रात 12 बजे के बाद किसी भी हालत में बार एवं रेस्टोरेंट नहीं खुला नहीं रखना चाहिए। अदालत ने इस मामले में उत्पाद विभाग एवं पुलिस की ओर से की गई कार्रवाई की बिंदुवार जानकारी मांगी है।
मामले में अगली सुनवाई 26 जून को होगी। सुनवाई के दौरान रांची डीसी, एसएसपी और उत्पाद आयुक्त कोर्ट में उपस्थित हुए थे। अदालत ने रांची के मोरहाबादी में एक बार के देर रात तक खुले रहने एवं एक्सट्रीम बार में गोलीबारी की घटना को संज्ञान में लेते हुए रांची डीसी, रांची एसएसपी और उत्पादन आयुक्त को कोर्ट में तलब किया। अदालत ने उनसे पूछा कि रात 12 बजे के बाद भी शहर के बार एवं रेस्टोरेंट क्यों खुले रहते हैं। अदालत ने मौखिक कहा कि संबंधित थाना के इंस्पेक्टर अगर इन बार एवं रेस्टोरेंट पर निगरानी रखते तो बार में बार में गोलीबारी की घटना नहीं होती।
पुलिस को रात में बार एवं रेस्टोरेंट में लगातार गश्त लगाने की जरूरत है, इससे अपराधिक घटनाओं पर रोक लगेगी। अदालत ने कहा कि अब मोहल्लों में भी बार एवं रेस्टोरेंट खुल गए हैं, जिससे महिलाओं को घर से बाहर निकलना भी मुश्किल हो जाता है। नशा करने वाले कुछ भी कर सकते हैं। अदालत ने नारकोटिक्स विभाग से भी अफीम के खिलाफ की गई कार्रवाई की जानकारी मांगी है। अदालत ने नारकोटिक्स क्राइम ब्यूरो से कहा कि सैटेलाइट मैपिंग के माध्यम से यह पता लगाया लगाने का कोशिश करें कि झारखंड के किन-किन जिलों में अफीम की खेती हो रही है। संबंधित जिले के पुलिस अधीक्षक अफीम की खेती को नष्ट करने की कार्रवाई करें। अदालत ने कहा कि गांव वाले अफीम की खेती जरूर करते हैं, लेकिन उनको फंडिंग करने वाला दूसरा होता है।
ऐसे में पुलिस उसे गिरफ्तार करे। अदालत ने रांची एसएसपी को कहा कि रांची में ड्रग्स या अफीम, चरस, गांजा की रोकथाम पर अभियान चलाएं। कोर्ट ने मौखिक कहा कि अगर पुलिस चाहे तो ड्रग सप्लायर को आसानी से पकड़ सकती है। कोर्ट ने अगली सुनवाई में रांची एसएसपी को ड्रग्स की रोकथाम में विफल रहने वाले अधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई के संबंध में जानकारी मांगी है। बता दें कि खूंटी में अफीम के फसलों को नष्ट करने एवं झारखंड में अफीम ,चरस, गांजा आदि ड्रग्स के कारोबार में लगातार बढोतरी पर हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है।