झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत ने एक मामले में सुनवाई करते हुए प्रार्थी को अंतरिम जमानत की सुविधा प्रदान की है। अदालत ने धोखाधड़ी के मामले में उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के रहने वाले अंशुल गुप्ता को पचास हजार रुपये के निजी मुचलके पर रिहा करने का निर्देश दिया है। अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि जमशेदपुर के जेल अधीक्षक कोर्ट के आदेश का पालन करना सुनिश्चित करेंगे।
अंशुल गुप्ता को जमशेदपुर पुलिस ने 15 जुलाई की रात के 8.30 बजे गिरफ्तार किया था। अंशुल को ट्रांजिट रिमांड पर जमशेदपुर लाया जा रहा है। अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि निचली अदालत ने बिना समन और जमानती वारंट के क्रियान्वयन के ही गैर जमानती वारंट जारी किया है। जबकि प्रार्थी जांच में पूरा सहयोग कर रहा है।
याचिका पर जल्द सुनवाई का आग्रह
प्रार्थी अंशुल गुप्ता की ओर से अधिवक्ता देवेश आजमानी ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर मंगलवार को सुनवाई करे लिए मेंशन किया था। सुनवाई के दौरान कहा गया कि प्रार्थी अंशुल टीएमटी सरिया में कमीशन एजेंट के रूप में काम कर रहा था। जमशेदपुर से तीन गाड़ी टीएमटी सरिया गोंडा जानी थी। दो गाड़ी गोंडा पहुंची लेकिन एक नहीं पहुंची थी। इसको लेकर प्रार्थी सहित अन्य पर आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई गई।
इस मामले में चार अन्य अभियुक्तों के खिलाफ किसी प्रकार की कोई पीड़क कार्रवाई नहीं की गई है। जबकि प्रार्थी लगातार इस मामले में पुलिस जांच में सहयोग कर रहा था। फिर भी उसे गिरफ्तार कर लिया गया। इसलिए प्रार्थी को राहत मिलनी चाहिए। इस पर अदालत ने प्रार्थी को जमशेदपुर लाते ही अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है। मामले में अगली सुनवाई 13 अगस्त को होगी।