Court News: जान से मारने की नियत से तेज हथियार टांगी से हमला करने के साथ घर में आग लगा देने से जुड़े एक मामले में सिविल कोर्ट रांची के सेशन कोर्ट ने तीन दिनों में फैसला सुनाया है। यह अपने आप में एक रिकॉर्ड है। मामले में दाखिल चार्जशीट पर अदालत ने संज्ञान लेते हुए आरोपी पर आरोप तय किया गया।
दूसरे दिन मामले में अभियोजन की ओर से सूचक समेत पांच गवाहों का बयान अदालत ने दर्ज किया। मामले में बहस हुई और आरोपी को साक्ष्य के अभाव में अदालत ने बरी कर दिया। हालांकि घटना को लेकर 17 अगस्त 2023 को गोंदा थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इसके बाद आरोपी को गिरफ्तार कर पुलिस ने जेल भेज दिया था।
घटना के सिर्फ 12 दिनों के अंदर मामले के जांच अधिकारी एसआई विवेक कुमार ने आरोप के सही पाते हुए आरोपी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी थी। जिस अदालत ने संज्ञान लेते हुए आगे की कार्रवाई प्रारंभ की थी। आरोपी जेल में रहते हुए ट्रायल फेस किया था।
यह है पूरा मामला
गोंदा थाना क्षेत्र के कांके रोड स्थित भीठा बस्ती निवासी एनामुल हक ने जान से मारने की नियत से परिवार पर हमला करने एवं घर में आग लेने के आरोप में अपने छोटे बेटे फरजान अहमद के खिलाफ 17 अगस्त 2023 को नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई थी। बेटे पर यह आरोप लगाया कि इससे पहले भी कई बार इस तरह की घटना का अंजाम दे चुका है। इस घटना में आरोपी की मां और बहन व उसके बच्चे भी जख्मी हुए थे। घटना के बाद आरोपी को गिरफ्तार कर पुलिस ने जेल भेज दिया था।
अदालत में सूचक ने क्या कहा
मामले में सूचक समेत पांच गवाहों की गवाही दर्ज की गई। सूचक इनामुल हक ने अपने मुख्य परीक्षण में कहा कि 16 अगस्त की रात्रि नौ बजे मेरा बेटा फरजान अहमद घर आया था। उसने अपनी मां, बहन के साथ दुर्व्यवहार किया। अगले दिन सुबह भी उसने झगड़ा किया था। इसके बाद प्राथमिकी दर्ज कराई थी। गवाह प्रति-परीक्षण के दौरान कहा कि हमला करने के लिए किसी हथियार का इस्तेमाल नहीं किया था। भ्रम के कारण उसने अपनी रिपोर्ट में कुल्हाड़ी का उल्लेख किया था। यह पारिवारिक विवाद था। जिसमें समझौता हो गया है।