Supreme Court News

SC-ST Act तभी मान्य जब पहले से पता हो पीड़ित की जाति, सुप्रीम कोर्ट से आरोपियों को बड़ी राहत

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

SC-ST Act in SC: सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम (SC-ST Act) के तहत अपराध के लिए यह जरूरी है कि आरोपी को पीड़ित व्यक्ति के एससी-एसटी समुदाय का होने की जानकारी पहले से हो।

इस टिप्पणी के साथ सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस संदीप मेहता की खंडपीठ ने कुछ लोगों को आरोप से मुक्त कर दिया। पीठ ने उत्तर प्रदेश की इस वारदात में हालांकि यह देखते हुए कि आरोपियों के खिलाफ हत्या के प्रयास सहित अन्य धाराओं के तहत दर्ज मुकदमों को चुनौती नहीं दी गई है, कहा कि आईपीसी के तहत दर्ज मुकदमे चलते रहेंगे।

SC-ST Act के तहत दर्ज मामले पर फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली आरोपी की अपील पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया है। हाई कोर्ट ने आरोपी के आरोपमुक्ति के आवेदन को खारिज करने को बरकरार रखा था।

पीठ ने तथ्यों पर गौर करते हुए कहा कि यह भी स्पष्ट है कि इस घटना में राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के भाव थे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि तथ्य से यह पता चला है कि जब गवाह रिंकू ठाकुर, जिसने आरोप लगाया था कि उस पर आरोपी विनोद उपाध्याय ने गोली चलाई थी। इसकी चिकित्सकीय जांच की गई, तो उसके शरीर पर बंदूक की गोली की चोट के कोई निशान नहीं मिले।

Facebook PageClick Here
WebsiteClick Here

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Devesh Ananad

देवेश आनंद को पत्रकारिता जगत का 15 सालों का अनुभव है। इन्होंने कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थान में काम किया है। अब वह इस वेबसाइट से जुड़े हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker