Ranchi: Court News झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में सांसद-विधायकों के खिलाफ लंबित मामले में सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने इस मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगा है।
अदालत ने पूछा है कि अब तक कितने मामलों का निष्पादन कर दिया गया है। अदालत ने इसकी प्रगति रिपोर्ट मांगी है। सुनवाई के दौरान अदालत ने जनप्रतिनिधियों के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों का निष्पादन छह माह में करने का निर्देश दिया है।
इसके अलावा अदालत ने कहा कि राज्य के लगभग सभी निचली अदालतों में एमपी-एमएल की कोर्ट बना दी गई है। ऐसे में अब संबंधित जिलों के जनप्रतिनिधियों के मामलों को वहां स्थानांतरित कर दिया। अदालत ने इस बात पर जोर दिया कि पुराने मामलों को जल्द निपटाया जाए।
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अदालत ने सभी मामलों में समय पर आरोप पत्र दाखिल करने और जिन मामलों में आरोप पत्र दाखिल कर दिया गया है उनका तेजी से ट्रायल कर मामलों का निपटारा करने को कहा गया है। मामले में अगली सुनवाई 14 दिसंबर को होगी। बता दें कि इस मामले में अदालत स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई कर रही है। सुनवाई के दौरान पता चला कि 30 साल से ज्यादा के मामले भी लंबित हैं।
इन पर दर्ज है मामलाः चंपई सोरेन, मिथिलेश ठाकुर, बन्ना गुप्ता, बंधु तिर्की, नमन बिक्सल कोंगाड़ी, ममता देवी, शशिभूषण मेहता, कुशवाहा शिवपूजन मेहता, बाबूलाल मरांडी, कमलेश सिंह, इरफान अंसारी, भूषण बाड़ा, रामदास सोरेन, एनोस एक्का, भानू प्रताप शाही, रामचंद्र चंद्रवंशी, समीर मोहंती, साधु चरण महतो, राहुल गांधी, संजय सेठ, जयंत सिन्हा, विद्युत चरण महतो