Appointment in FSL: हाईकोर्ट ने गृह सचिव से पूछा- बिना जानकारी दिए कैसे रद कर दिया विज्ञापन

Ranchi: Appointment in FSL झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में रांची एफएसएल में रिक्त पदों नियुक्ति के मामले में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अदालत ने नाराजगी जताई हुए कहा कि जब अदालत ने ती महीने में नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करने का आदेश दिया था और गृह सचिव ने इस पर सहमति जताई थी, तो बाद में विज्ञापन जारी कर उसे रद कैसे कर दिया गया।

अदालत ने कहा कि पिछली सुनवाई के दौरान अदालत पेश हुए गृह सचिव ने नियुक्ति नियमावली में बदलाव किए जाने के बारे में कोई जानकारी नहीं दी थी। कोर्ट को इसकी भनक भी नहीं लगने दी गई कि राज्य सरकार नियुक्ति नियमावली में संशोधन करने जा रही है।

अदालत ने कहा कि जब यह मामला कोर्ट में चल रहा है तो कोर्ट को बिना जानकारी दिए ही नियुक्ति को कैसे रद किया गया। इस पर सरकार की ओर से कहा गया कि गृह सचिव ऑनलाइन अदालत में जुड़े हैं। कोर्ट ने गृह सचिव से पूछा कि क्या उनकी ओर से अदालत में शपथ पत्र दाखिल किया गया। गृह सचिव के ना कहने पर अदालत ने ऐसा करने की वजह बताने को कहा।

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गृह सचिव ने कहा कि राज्य सरकार ने नियुक्ति नियमावली में बदलाव करने का निर्णय लिया था। जिसके तहत ऐसा किया गया है। इस पर कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा कि अगर राज्य सरकार को नीति में बदलाव करने का अधिकार है तो कोर्ट को अवमानना चलाने का अधिकार है। अदालत ने कहा कि यह मामला बहुत गंभीर है कि कोर्ट के अंधेरे में रखकर ऐसा किया गया है। अदालत ने गृह सचिव से कहा कि अगले सप्ताह वे शपथ पत्र दाखिल कर बताएं कि किन परिस्थितियों में ऐसा किया गया है।

इस दौरान अदालत ने विज्ञापन की स्थिति को लेकर जेपीएससी जानकारी मांगी। इस पर जेपीएससी के अधिवक्ता संजय पिपरवार, प्रिंस कुमार सिंह और राकेश रंजन ने कहा कि आवेदनों की स्क्रूटनी की जा रही है। प्रश्न पत्र तैयार करने के लिए देश के लगभग सौ एक्सपर्ट से राय ली जाती है। इसलिए इस प्रक्रिया में समय लगेगा। इस पर अदालत ने कहा कि जिस नियुक्ति की कोर्ट मॉनिटरिंग कर रही है, उसको प्राथमिकता में रखा जाए। इसके बाद अदालत ने जेपीएससी से अगले सप्ताह प्रगति रिपोर्ट पेश करने को कहा है।

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