रांची। झारखंड हाईकोर्ट ने हाईस्कूल में संस्कृत शिक्षक नियुक्ति के मामले में सुनवाई करते हुए जेएसएससी और राज्य सरकार से जवाब मांगा है। अदालत इस मामले में अगली सुनवाई तीन नवंबर को निर्धारित की है। जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में सुनवाई के दौरान प्रार्थी के अधिवक्ता सुनील महतो ने कहा कि वर्ष 2016 में हाईस्कूल में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाला गया था। संस्कृत शिक्षक पद के लिए प्रार्थी ने भी आवेदन दिया था।
लेकिन प्रमाण पत्र सत्यापन के दौरान जेएसएससी ने प्रार्थी के आवेदन को रद्द कर दिया। कहा गया कि उनकी शैक्षणिक योग्यता विज्ञापन की शर्तों के अनुरूप नहीं है। जेएसएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरवाल ने कहा कि प्रार्थी का आवेदन इसलिए रद्द कर दिया गया, क्योंकि उनके पास संस्कृत से स्नातक की डिग्री की बजाय शास्त्री की डिग्री है। इसके बाद अदालत ने सरकार व जेएसएससी से जवाब मांगा है। इसको लेकर पिंकी कुमारी व अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है।
हेडमास्टर नियुक्ति के मामले में हुई सुनवाई
हाईकोर्ट के जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में हेडमास्टर नियुक्ति को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से अदालत से समय दिए जाने की मांग की गई। इसके बाद अदालत ने मामले में अगली सुनवाई के लिए सात अक्टूबर की तिथि निर्धारित की है। सुनवाई के दौरान जेपीएससी की ओर से कहा गया कि माध्यमिक विद्यालय में कार्यरत शिक्षक ही हेडमास्टर के पद के लिए योग्यता रखते हैं। लेकिन प्रार्थी प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक हैं।
गौरतलब है कि प्रार्थी राधिका देवी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। अदालत को बताया गया कि जेपीएससी की ओर से जारी पहली सूची में उनका नाम था, लेकिन रिवाइज सूची में उनका नाम नहीं है। जेपीएससी के अधिवक्ता संजय पिपरवाल व प्रिंस कुमार सिंह ने बताया कि वर्ष 2018 में झारखंड हाईकोर्ट ने हेडमास्टर नियुक्ति के लिए दिशानिर्देश जारी किया था। उसी के अनुसार जेपीएससी ने रिवाइज सूची जारी की है इसमें इनका नाम नहीं है।
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