Ranchi: कोर्ट फी और एडवोकेट वेलफेयर स्टाम्प की किल्लत होने से अधिवक्ताओं व पक्षकारों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। कोर्ट फीस को नियमित एवं पर्याप्त कराए जाने की मांग लगातार जिला बार एसोसिएशन कर रहा है। बावजूद यह समस्या आए दिन और अधिक विकराल होती जा रही है। सरकार ने कोर्ट फी में जबरदस्त वृद्धि तो कर दी है, लेकिन उसकी उपलब्धता पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। कोर्ट फी की कमी के कारण नकल निकलवाने, जमानत अर्जी दाखिल करने, हाजिरी देने समेत अन्य आवेदन में बाधा बना हुआ है। वहीं वेलफेयर स्टाम्प नहीं मिलने से अधिवक्ताओं से जुड़े कल्याण से संबंधित योजनाओं पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। राज्य सरकार को रोज लाखों रुपए का नुकसान हो रहा है। मिली जानकारी के अनुसार स्टाम्प निर्गत करनेवाला कर्मचारी शैलेंद्र कुमार का विधानसभा चुनाव के समय स्थानांतरण कर दिया गया था। उसके स्थान पर अब तक किसी को प्रभार नहीं दिया गया है। जिसके कारण कोर्ट फी और वेलफेयर स्टाम्प निर्गत नहीं किया जा पा रहा है। इस संबंध में संबंधित पदाधिकारी का कहना है कि जल्द ही किसी को प्रभार दिया जाएगा।
एडवोकेट वेलफेयर स्टाम्प नहीं मिलने से अधिवक्ता कल्याण स्कीम होगी प्रभावित, प्रशासन तत्काल करे व्यवस्था- -संजय कुमार विद्रोही, महासचिव, आरडीबीए।
कोर्ट फी और एडवोकेट वेलफेयर टिकट की अनुपलब्धता से पूरा जिला बार एसोसिएशन के सदस्य परेशानी झेल रहे हैं। इस संबंध में जिला प्रशासन को लिखा गया है। दाखिल प्रतिनिधित्व पत्र में कोर्ट फीस नहीं लगी रहने पर उसे न्यायालय अस्वीकार कर देता है। ऐसी स्थिति में वकीलों एवं मुवक्किलों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इस समस्या का समाधान किया जाए। कोर्ट फीस की उपलब्धता सुगम किया जाए। यहां तक कि अब ‘No Available Stamp’ लिखकर याचिका फाइल की जा रही है। सरकार इसे तत्काल बहाल करे। सिर्फ रांची जिला बार एसोसिएशन के अधिवक्ता साल भर में करीब 50 लाख रुपए का एडवोकेट वेलफेयर स्टाम्प का उपयोग करते हैं। यह राशि एडवोकेट वेलफेयर स्कीम में जाता है। उपलब्ध नहीं रहने से अधिवक्ताओं के कल्याण योजनाओं प्रभावित होगी।
जमानत के बाद जेल से निकलने के लिए भी बेल बॉड में कोर्ट फी चस्पा किया जाता है। इसके लिए वकीलों एवं पक्षकारों को टिकट प्राप्त करने के लिए खोजना पड़ता है। जो बड़ी मुश्किल से उपलब्ध हो पाता है। कोर्ट फीस की किल्लत हर साल वकीलों को झेलनी पड़ती है। जहां पहले एक हाजिरी देने पर पांच रुपए लगते थे, अब 20 रुपए की कोर्ट फीस लगायी जाती है। सिविल कोर्ट रांची में प्रतिदिन तीन हजार से अधिक हाजिरी आवेदन की बिक्री होती है। कोर्ट फीस टिकट एक, दो. पांच, दस व 20 रुपए का होता है। कोर्ट फीस टिकट जिला प्रशासन द्वारा वेंडर को उपलब्ध कराया जाता है। जबकि 15 रुपए का वेलफेयर स्टाम्प स्टेट बार काउंसिल उठाता है और इसे जिला बार एसोसिएशन को देता है।
कोर्ट फी और वेलफेयर स्टाम्प की जरूरत कहां-कहांः
नकल निकलवाने, हाजिरी देने, अग्रिम या नियमित जमानत अर्जी के साथ अन्य अर्जी में, शपथ पत्र, वकालतनामा, उपभोक्ता फोरम, श्रम न्यायालय, राजस्व न्यायालय, वाणिज्यकर न्यायालय एवं अन्य कार्यों में कोर्ट फीस टिकट का प्रयोग किया जाता है। इससे सरकार को करोड़ों रुपए के राजस्व की प्राप्ति होती है। जो जनता से सरकार को सीधे ही प्राप्त हो जाती है। यह कमी बीच-बीच में बनी रहती है।