रांची। हजारीबाग के विनोवा भावे विश्वविद्यालय में असिस्टेंट रजिस्ट्रार को हटाये जाने को चुनौती देने वाली याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट में बहस पूरी कर ली गई है। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
जेपीएससी ने विनोवा भावे विश्वविद्यालय के असिस्टेंट रजिस्ट्रार पद के लिए वर्ष 2005 में विजय कुमार सिन्हा के नाम की अनुशंसा की थी। विनोवा भावे विश्वविद्यालय ने इस अनुशंसा को नहीं माना। इसके बाद चांसलर के आदेश पर इनकी नियुक्ति की गई। इसके बाद वर्ष 2014 में उन्हें यह कहते हुए हटा दिया गया। उनकी नियुक्ति की अनुशंसा गलत है। इसलिए आपको पद से हटाया जा रहा है। इस आदेश को विजय कुमार सिन्हा ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि जेपीएससी के अनुशंसा के बाद विवाद होने पर चांसलर ने जांच कराए जाने के बाद ही उनकी नियुक्ति का आदेश दिया था, ऐसे में उन्हें हटाए जाने का आदेश गलत है। इस पर जेपीएससी के अधिवक्ता संजय पिपरवाल व प्रिंस कुमार सिंह ने अदालत को बताया गया कि जेपीएससी ने असिस्टेंट रजिस्ट्रार के लिए जो अनुशंसा की थी, वह कानूनी रूप से सही है। अनुशंसा के मामले की सीबीआइ जांच चल रही है, जिसकी रिपोर्ट नहीं आयी है। इस मामले में विनोवा भावे विश्वविद्यालय की ओर से बताया गया कि विजय कुमार सिन्हा के नाम की अनुशंसा गलत थी, इस कारण उन्हें हटा दिया गया। सभी पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।