झारखंड हाईकोर्ट ने गिरिडीह के धनवार अंचल में निजी जमीन पर बन रहे पानी टंकी के निर्माण पर रोक लगा दी है। साथ ही धनवार अंचल के तत्कालीन अंचलाधिकारी नरेश वर्मा को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत ने धनवार के अंचलाधिकारी और थाना प्रभारी को निर्देश दिया है कि प्रार्थी को गलत मुकदमें फंसाया नही जाए और न ही गिरफ्तार किया जाए। साथ ही मुखिया, पंचायत समिति के सदस्य, ठेकेदार कंपनी को भी नोटिस जारी किया है।
इस संबंध में रामजी साव एवं अन्य ने याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि वर्ष 1965 में चूल्हन नायक, भूखल गोप, अनूप गोप और लीलो नायक को बिहार भूदान यज्ञ समिति ने तीन एकड़ तीन डिसमिल जमीन जीविकोपार्जन के लिए दी गयी थी। जिसका जमाबंदी पंजी 2 में दर्ज है एवं इसकी रसीद भी प्रार्थियों को प्राप्त होती रही है। वर्ष 2023 में चूल्हन नायक, भूखल गोप, अनूप गोप और लीलो नायक के वंशजों को पता चला कि उनकी जमीन पर सरकारी योजना के तहत पानी टंकी का निर्माण कार्य किया जा रहा है।
प्रार्थी के अधिवक्ता रंजन कुमार ने अदालत को बताया कि बाद में यह पता चला कि अंचल अधिकारी धनवार, थाना प्रभारी धनवार थाना, मुखिया एवं पंचायत समिति के सदस्य ने साजिश के तहत बिहार भूदान यज्ञ समिति द्वारा दी गई जमीन के ऊपर पानी टंकी का निर्माण किया जा रहा है। विरोध करने पर प्रार्थियों के साथ मारपीट की गई और थाना में दो दिनों तक बंद रखा गया। कुछ खाने को भी नहीं दिया गया। इसके बाद प्रार्थियों ने एसडीम धनवार को 144 धारा के तहत आवेदन दिया। इसी बीच अंचल अधिकारी ने अपर समाहर्ता को जमाबंदी जमाबंदी रद्द करने का आवेदन दिया।
अपर समाहर्ता ने बिना प्रार्थियों को सुने 29 दिसंबर 2023 को जमाबंदी रद्द करते हुए आदेश जारी कर कहा कि चूल्हन नायक, भूखल गोप, अनूप गोप और लीलो नायक को यह जमीन कानूनी रूप से प्राप्त नहीं है एवं इनके पास जमीन से संबंधित वैध दस्तावेज भी नहीं है । इसलिए इनकी जमाबंदी रद्द की जाती है। इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गयी। याचिका दायर करने के बाद प्रार्थियों को संबंधित अधिकारियों ने झूठे मुकदमे में फंसा कर जेल भेजने की धमकी भी दी। प्रार्थी के अधिवक्ता ने इसकी जानकारी हाईकोर्ट को दी। इसके बाद अदालत ने निर्देश दिया। मामले की अगली सुनवाई 27 अगस्त को होगी।