झारखंड हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मौखिक रूप से रांची नगर निगम को कहा कि मेन रोड, हिनू, बिरसा चौक, लालपुर समेत अन्य जगहों पर सड़कों के किनारे लगनेवाला फुटपाथ एवं सब्जी विक्रेताओं को तत्काल हटाए। और इसकी जानकारी शपथपत्र के माध्यम से कोर्ट को दें। इसके लिए अदालत ने 15 जुलाई की तारीख निर्धारित की है। झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डा़ बीआर सारंगी व जस्टिस एसएन प्रसाद की खंडपीठ में फुटपाथ दुकानदारों को हटाने के पूर्व उनके पुनर्वास को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। नवाई के दौरान अदालत ने उक्त मामले में सरकार और नगर निगम से जवाब मांगा है।
अदालत ने कहा कि फुटपाथ दुकानदार एवं सब्जी विक्रेताओं को सड़क के किनारों से हटाने के लिए ट्रैफिक पुलिस के साथ मिलकर रांची नगर निगम अभियान चलाएं, ताकि सड़क पर जाम की समस्या न हो और सुगम यातायात की व्यवस्था सुनिश्चित हो सके। राज्य सरकार भी राजधानी में जाम की समस्या को गंभीरता से ले। अन्यथा अदालत आला पुलिस अधिकारी को तलब कर सकती है। अदालत ने मौखिक कहा कि रांची के मुख्य सड़कों पर फुटपाथ विक्रेता बैठे रहते हैं जिससे प्रतिदिन जाम की समस्या से लोग परेशान रहते हैं, दुकानदारों के लिए अलग जगह सुनिश्चित की जाए।
अदालत ने रांची नगर निगम से कहा कि फुटपाथ दुकानदारों और सब्जी विक्रेताओं के लिए सड़क की बजाय अन्य जगहों पर बसाने की वैकल्पिक व्यवस्था करें, जिससे सड़क आम लोगों के चलने के लिए खुली रही। अदालत ने नगर निगम के अधिवक्ता से पूछा कि लालपुर चौक के पास सब्जी विक्रेताओं के लिए कौन-सी जगह निर्धारित की गई, उसके बारे में भी अदालत को जानकारी दी जाए। अदालत ने कहा कि राजधानी में सड़कों पर लोग अपने वाहन लगा देते हैं और वेंडर भी अपने दुकान सजा देते हैं। ट्रैफिक पुलिस उन पर कार्रवाई नहीं करती है।