Mediator reunite the couple: सिविल कोर्ट के मध्यस्थता केंद्र में आयोजित पांच दिवसीय विशेष मध्यस्थता अभियान का समापन शुक्रवार को हो गया। पांच दिनों में कुल 172 वादों का निष्पादन यहां के मध्यस्थतों द्वारा किया गया। सुलझाए गए एक मामले में छह साल की बच्ची को इंसाफ मिला है। बच्ची जन्म के समय से ही अपने पिता से अलग रह रही थी। उसने अपने पिता का चेहरा तक नहीं देखा था। वह अपनी मां प्रियंका जायसवाल के साथ अपने मामा घर में रही थी। मामूली विवाद को लेकर प्रियंका जायसवाल को उसके ससुराल वालों ने निकाल दिया था। जबकि वह गर्भवति थी।
उसने अपनी बच्ची का जन्म मायके में दी। साथ 2019 में प्रियंका ने दहेज प्रताड़ना केस एवं साल 2021 में फैमिली कोर्ट में बच्ची के साथ अपना भरण-पोषण को लेकर पति पिंटू जायसवाव के खिलाफ केस की थी। उसी केस को विशेष अभियान में कोर्ट ने मध्यस्थता केंद्र भेज दिया था। जहां वाद को सुलझाने में अधिवक्ता मध्यस्थ गोकुलचंद्र एवं वकील श्यामल बरन दास तथा एनके चटर्जी का महत्वपूर्ण योगदान रहा। दोनों पक्षों से मध्यस्थता में बातचीत के दौरान यह समझौता हुआ कि टिंकू जायसवाल अपनी पत्नी तथा बच्ची को इज्जत के साथ अपने घर रामगढ़ लेकर जायेंगे और मान-सम्मान उचित देखभाल करते हुए रखेंगे।
विशेष मध्यस्थता अभियान में पहले दिन कुल -30, दूसरे दिन-17, तीसरे दिन – 47, चौथे दिन – 41 एवं अंतिम दिन 37 वादों को मध्यस्थता के माध्यम से सुलझाने में सफलता मिली। वादों के निस्तारण में व्यवहार न्यायालय, रांची के मध्यस्थों व अधिवक्ताओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा। दोनों पक्षों के सुलह हो जाने पर डालसा सचिव कमलेश बेहरा ने दोनों पक्षों को बधाई दी।