Illegal construction: जमशेदपुर में अवैध निर्माण हटाए जाने से संबंधित मामले की सुनवाई High Court में अगले सप्ताह
Illegal construction: झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस आनंद सेन की अदालत में जमशेदपुर में अवैध निर्माण हटाए जाने से संबंधित मामले में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान प्रार्थियों की ओर से कहा गया कि दुकान तोड़े जाने पर बिल्डर से मुआवजा मिल गया है। अदालत मामले अब अगले सप्ताह सुनवाई करेगी। इससे पहले जमशेदपुर के एसडीओ को ओर से जवाब दाखिल किया गया है। उनकी ओर से कहा गया है कि अगर जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति (अक्षेस) की ओर से शहर में अवैध निर्माण को ध्वस्त करने के लिए मदद मांगी जाती है, तो जिला प्रशासन उन्हें हर प्रकार से सहयोग करेगा। पूर्व में अदालत ने एसडीओ से जवाब मांगा था।
पिछली सुनवाई के दौरान अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि अक्षेस के अधिकारियों की मिलीभगत के बिना अवैध नक्शा और अवैध निर्माण नहीं हो सकता है। अधिकारियों की संलिप्तता पाए जाने पर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके अवैध निर्माण करने वाले बिल्डर को भी नहीं छोड़ा जाएगा। जिन्होंने मिलीभगत कर अवैध नक्शा पास कराया है। इस संबंध में अशोक कुमार एवं अन्य की ओर से याचिका दाखिल की गई थी। प्रार्थियों ने इस इलाके में नक्शा विचलन कर किए गए निर्माण को ध्वस्त करने की कार्रवाई पर रोक लगाने का आग्रह किया था।
अदालत ने कहा था कि पार्किंग क्षेत्र में किसी प्रकार के निर्माण की इजाजत नहीं दी जा सकती, भले ही बहुमंजिली इमारत को पास कोई बड़ा भूखंड खाली ही क्यों न हो। बहुमंजिली इमारतों के पार्किंग स्थान का सिर्फ पार्किंग के लिए ही इस्तेमाल किया जाना चाहिए। यदि ऐसे भवनों की पार्किंग एरिया में दुकान या किसी प्रकार का निर्माण किया गया है तो उसे अविलंब ध्वस्त किया जाए।