Ratan Hights झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) ने मोरहाबादी स्थित रतन हाइट्स का मामले में एकल पीठ के आदेश के खिलाफ बिल्डर वीकेएस रियलिटी और जमीन मालिक की अपील पर शुक्रवार को फैसला सुनाया है। हाई कोर्ट के (Acting Chief Justice) कार्यवाहक मुख्यन्यायाधीष एस चंद्रशेखर व जस्टिस नवनीत कुमार की खंडपीठ ने बिल्डर वीकेएस रियलिटी और जमीन मालिक की अपील खारिज दी। पूर्व में अदालत ने मामले में फैसला सुरक्षित रखा था।
रतन हाइट्स की ओर से पूर्व में बताया गया था कि मामले में एकल पीठ ने उनके पक्ष में फैसला दिया है, लेकिन बिल्डर एवं जमीन मालिक ने कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया है। एकल पीठ के आदेश के बावजूद भी बिल्डर ने रतन हाइट के बहुमंजिला इमारत के बगल में स्थित गड्ढे को नहीं भरा है। जिससे इस बहुमंजिला इमारत का अस्तित्व खतरे में है। यहां रहने वाले लोग खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
एकल पीठ ने जुलाई 2023 में दिया था आदेश
रतन हाइट्स बिल्डिंग रेसिडेंशियल सोसाइटी की याचिका पर हाई कोर्ट की एकल पीठ ने इस जुलाई 2023 में अपना फैसला सुनाते हुए नगर आयुक्त द्वारा संशोधित नक्शा पास किए जाने के आदेश एवं संशोधित नक्शे को रद कर दिया था। अदालत ने कहा था कि 46 कट्ठा पर जो कॉमन एरिया था और वह कॉमन एरिया ही रहेगा।
अदालत ने जमीन मालिक और बिल्डर वीकेएस रियलिटी को इमारत के पास गड्ढा भरने और यदि उसमें कोई कंस्ट्रक्शन किया है तो उसे हटाने, रिटेनिंग वॉल और उस जमीन को एक माह में सोसाइटी को हैंड ओवर करने का दिया निर्देश दिया था। अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि 86 कट्ठा का नक्शा पास हुआ था वह सही था। उसमें कॉमन एरिया पहले से निर्धारित था। इसलिए 86 कट्ठा में से 46 कट्ठा को अलग कर उसका संशोधित नक्शा पास करना गलत है। एकल पीठ के आदेश को वीकेएस रियलिटी एवं जमीन मालिक ने खंडपीठ में चुनौती दी थी।