Town Planner Appointment: सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड में सहायक टाउन प्लानर की नियुक्ति मामले में झारखंड हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ दाखिल अपील पर सुनवाई की। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में हाई कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा।
अदालत ने कहा कि झारखंड हाई कोर्ट का आदेश बिल्कुल सही है। इसमें हस्तक्षेप करने की आवश्यकता नहीं है। इसलिए एसएसपी खारिज की जाती है। इस संबंध में देवास्मिता बासु की ओर से एसएलपी दाखिल की गई थी।
हाई कोर्ट ने JPSC के साक्षात्कार में बुलाए गए 186 अभ्यर्थी की उम्मीदवारी रद करने का आदेश दिया था। इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर हाई कोर्ट के आदेश को निरस्त करने की मांग की गई थी।
टाउन प्लानर मामले में झारखंड हाई कोर्ट का आदेश
हाई कोर्ट के जस्टिस एसएन प्रसाद व जस्टिस नवनीत कुमार की खंडपीठ ने सहायक टाउन प्लानर की नियुक्ति के मामले में सुनवाई 186 अभ्यर्थियों की उम्मीवारी रद करने का निर्देश दिया था, क्योंकि इनके पास अंतिम तिथि तक इंस्टीट्यूट आफ टाउन प्लानर (इंडिया) का सर्टिफिकेट नहीं था।
अदालत ने फॉर्म भरने की अंतिम तिथि तक इंस्टीट्यूट आफ टाउन प्लानर का प्रमाण पत्र पाने वाले अभ्यर्थियों की नियुक्ति के लिए नया पैनल बनाकर दो माह में संसोधित परिणाम जारी करने का आदेश जेपीएससी को दिया था।
हाई कोर्ट में विवेक हर्षल, स्वप्निल मयूरेश एवं अन्य ने एकल पीठ के आदेश के खिलाफ खंडपीठ में अपील दाखिल की थी। याचिका में कहा गया था कि परीक्षा में 26 ऐसे अभ्यर्थी परीक्षा में सफल हुए है, जिनके पास विज्ञापन में फॉर्म भरने की अंतिम तिथि तक इंस्टीट्यूट आफ टाउन प्लानर (इंडिया) में पंजीयन का प्रमाण पत्र नहीं है।
विज्ञापन में इस प्रमाण पत्र को बाद में दिए जाने की भी कोई ऐसी शर्त नहीं बताई गई थी। नियमानुसार नियुक्ति प्रक्रिया के बीच में विज्ञापन की शर्तों में बदलाव नहीं किया जा सकता है। ऐसे में सहायक टाउन प्लानर की नियुक्ति परीक्षा को रद किया जाए।
यह है पूरा मामला
अप्रैल 2020 में जेपीएससी ने झारखंड में सहायक टाउन प्लानर के 77 पद के लिए विज्ञापन जारी किया था। मार्च 2021 को सारी प्रक्रिया पूरी करते हुए जेपीएससी ने परिणाम जारी कर दिया और सफल हुए 43 अभ्यर्थियों की नियुक्ति की अनुशंसा सरकार को भेज दी थी।
इनमें से 26 ऐसे अभ्यर्थी थे जिनके पास फॉर्म भरने की अंतिम तिथि तक इंस्टीट्यूट आफ टाउन प्लानर (इंडिया) का प्रमाण पत्र नहीं था। जेपीएससी ने 318 अभ्यर्थियों को साक्षात्कार में बुलाया था। जिनमें से 186 अभ्यर्थियों बिना प्रमाण पत्र वाले थे। इस मामले में एकल पीठ ने टाउन प्लानर की नियुक्ति प्रक्रिया को सही मानते हुए प्रार्थी की याचिका खारिज कर दी थी।
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