DGP in High Court: झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस एस चंद्रशेखर और जस्टिस अनुभा रावत चौधरी की खंडपीठ में सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस एमवाई इकबाल के रांची स्थित जमीन को भू माफिया द्वारा अवैध तरीके से हड़पने के मामले में सुनवाई हुई।
मामले की सुनवाई के दौरान राज्य के (DGP) डीजीपी अजय कुमार सिंह व्यक्तिगत रुप से अदालत में उपस्थित हुए। अदालत ने मौखिक पूछा कि राज्य में अपराध का ग्राफ क्यों बढ़ रहा है।
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अपराध नियंत्रण क्यों नहीं हो पा रहा है। रात में पीसीआर वैन भी कम दिखता है। जिससे छिनतई जैसी घटनाओं में भी इजाफा हुआ है। अदालत ने राज्य में बढ़ते आपराधिक घटना पर चिंता जताई।
राज्य सरकार के जवाब पर अपनी असहमति व्यक्त करते हुए उन्हें चार सप्ताह में बढ़ते आपराधिक मामले पर रोकथाम के लिए के लिए पुलिस द्वारा उठाए गए कदम के बारे में विस्तृत बिंदुवार और अद्यतन जानकारी पेश करने को कहा है।
डीजीपी को व्यक्तिगत तौर पर शपथ पत्र दाखिल कर भू माफियाओं पर नकेल करने एवं अपराध के लिए किए जा उपायों को बताने का निर्देश दिया है।
बता दें कि मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने डीजीपी को तलब किया था। उसी आदेश के आलोक में वह अदालत पहुंचे थे।
बता दें कि बीते 26 जून को लोअर बाजार के डॉ. फतेहउल्लाह रोड के सामने स्थित सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस स्वर्गीय एमवाई इकबाल की जमीन पर बनी चारदीवारी को भूमाफियाओं ने तोड़कर कब्जा करने का प्रयास किया था।
भू माफियाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही
मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि भू माफियाओं के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं।
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वैसे जिन भूमि माफिया पर केस दर्ज है। उन्हें जिला बदर किया जा रहा है। साथ ही उसे 15 दिन पर थाने में हाजिरी लगाने के लिए कहा जा रहा है। इस तरह से अन्य कई तरह के कार्रवाई भूमि माफियाओं के खिलाफ प्रारंभ कर दी गई है।
उन्होंने अदालत को यह भी बताया कि झारखंड पुलिस के द्वारा स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया जा रहा है। आने वाले समय में तीन तरह के अपराध जिसमें एसटी/एससी केस, महिला उत्पीड़न केस एवं जमीन हड़पने वाले भू माफियाओं के मामले शामिल है।