Ranchi: 6th JPSC Exam, सोमवार को झारखंड हाईकोर्ट एक महत्वपूर्ण मामले में फैसला सुनाएगी। छठी जेपीएससी के अंतिम परिणाम को निरस्त करने की मांग वाली याचिकाओं पर झारखंड हाई कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी। जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत ने सभी पक्षों की सुनवाई पूरी करने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
सबकी निगाहें अब हाईकोर्ट पर हैं कि क्या अदालत छठी जेपीएससी के परिणाम को रद करती है या फिर अभ्यर्थियों की याचिका को खारिज करती है। इसको लेकर हाई कोर्ट में दिलीप कुमार सिंह सहित कई अन्य याचिकाएं दाखिल की गई है। इनमें छठी जेपीएससी के अंतिम परिणाम को गलत बताते हुए उसे निरस्त करने की मांग की गई है।
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सुनवाई के दौरान प्रार्थियों की ओर से दलील दी गई थी कि छठी जेपीएससी परीक्षा के पेपर वन (हिंदी-अंग्रेजी) के क्वालिफाइंग अंक को कुल प्राप्तांक में जोड़ दिया है, जबकि विज्ञापन की शर्तों के अनुसार अभ्यर्थियों को पेपर वन में सिर्फ क्वालिफाइंग अंक लाना था और इसे कुल प्राप्तांक में नहीं जोड़ा जाना था।
क्वालिफाइंग अंक को कुल प्राप्तांक में जोड़ने की वजह से अधिक अंक प्राप्त करने वाले कई अभ्यर्थियों का चयन नहीं हो सका है। इसलिए अंतिम परिणाम को रद किया जाए। वहीं, कुछ याचिकाओं में कहा गया है कि कई अभ्यर्थियों को श्रेणी के अनुसार कैडर का आवंटन नहीं मिला है। जबकि उन्होंने प्राथमिकता का विकल्प भी भरा था।
इसलिए उनके कैडर को बदला जाए। इस मामले में जेपीएससी का कहना था कि क्वालिफाइंग अंक कुल प्राप्तांक में जोड़ा जाना गलत नहीं है और न ही अंतिम परिणाम जारी करने में किसी प्रकार की कोई गलती हुई है। इसलिए प्रार्थियों की याचिका रद की जाए।