नई दिल्लीः दुष्कर्म के आरोपी को पीड़िता से शादी करने के लिए कहने वाली बात को सुप्रीम कोर्ट ने नकारते हुए कहा कि इस मामले की गलत रिपोर्टिंग की गई थी। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट हमेशा से महिलाओं का सम्मान करता रहा है।
सीजेआई ने आगे कहा कि इस कोर्ट ने हमेशा महिलाओं को बड़ा सम्मान दिया है। हमने कभी किसी आरोपी से पीड़िता से शादी करने को नहीं कहा है। हमने कहा था कि क्या तुम उससे शादी करने जा रहे हो? इस मामले में हमने जो कहा था, उसकी पूरी तरह से गलत रिपोर्टिंग की गई थी।
14 साल की दुष्कर्म पीड़िता, जो 6 सप्ताह की गर्भवती है, ने सुप्रीम कोर्ट में गर्भपात की अपील वाली याचिका दाखिल की है, जिसकी पिछले हफ्ते सनुवाई सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच ने की। इस केस की सोमवार को अगली सुनवाई के दौरान सीजेआई एसए बोबडे ने मामले की गलत रिपोर्टिंग किए जाने पर नाराजगी जताई। मुख्य न्यायाधीश ने कहा, ‘एक संस्थान और इस कोर्ट में बेंच के तौर पर शीर्ष अदालत महिलाओं का सम्मान करती है।
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पिछले सप्ताह सुनवाई के दौरान यह खबर आई थी कि सीजेआई एसए बोबडे की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच ने बलात्कार के आरोपी से पूछा कि अगर आप (पीड़िता से) शादी करना चाहते हैं, तो हम आपकी मदद कर सकते हैं। अगर ऐसा नहीं करते हैं तो आपकी नौकरी चली जाएगी, आप जेल जाएंगे। आपने लड़की के साथ छेड़खानी की, उसके साथ बलात्कार किया है।
चीफ जस्टिस बोबडे महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिक प्रोडक्शन कंपनी (एमएसइपीसी) में बतौर टेक्नीशियन कार्यरत अभियुक्त मोहित सुभाष चव्हाण की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहे थे। अभियुक्त पर 14 साल की स्कूली छात्रा ने बलात्कार का आरोप लगाया गया है। फिलहाल अदालत ने शादी के झूठे वादे पर लड़की से बलात्कार करने के आरोपी को गिरफ्तारी से चार हफ्ते की अंतरिम राहत दे दी है।