7th JPSC exam: प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण देने के मामले में जेपीएससी मांगा जवाब

Ranchi: 7th JPSC exam झारखंड हाईकोर्ट ने सातवीं से दसवीं तक जेपीएससी के प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण देने का दावा करने वाली अपील पर सुनवाई की। सुनवाई के बाद अदालत ने इस मामले में जेपीएससी से जवाब मांगा है। इस दौरान प्रार्थी की ओर से मुख्य परीक्षा पर रोक लगाने की मांग की गई। इस पर अदालत अब मंगलवार को सुनवाई करेगी।

इस मामले में हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में ऑनलाइन सुनवाई की गई। इस दौरान दोनों पक्ष के अधिवक्ता वर्चुअल पक्ष रखा। सुनवाई के दौरान अदालत ने जेपीएससी से से पूछा कि क्या प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण दिया गया है। कैटेगरीवाइज कितनी सीटें थी और कितने रिजर्वेशन कैटेगरी के अभ्यर्थियों जनरल कैटगरी में चयनित किया गया हैं।

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अदालत ने जेपीएससी को शपथ पत्र के माध्यम से इस पर विस्तृत जवाब देने का निर्देश दिया है। इस मामले में 25 जनवरी को अदालत सुनवाई करेगी। 18 जनवरी को एकलपीठ ने मुख्य परीक्षा पर रोक लगाने से इन्कार करते हुए प्रार्थी की आईए याचिका को खारिज कर दिया। इसके खिलाफ कुमार सन्यम ने एकलपीठ के आदेश के खिलाफ अपील दाखिल की है।

सुनवाई के दौरान प्रार्थी के अधिवक्ता अमृतांश वत्स ने अदालत से कहा कि सातवीं जेपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण दिया गया है। इसको लेकर राज्य सरकार के पार कोई नीति नहीं है। पूर्व में हाईकोर्ट में ही एक मामले में सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से ऐसा पक्ष रखा गया था।

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इसके अलावा प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण देने का जिक्र विज्ञापन में नहीं किया गया था। इसलिए प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण नहीं दिया जा सकता है। उन्होंने दावा कि सामान्य कैटेगरी की 114 सीट थी। नियमानुसार इसका पंद्रह गुना परिणाम के तहत सामान्य कैटेगरी में 1710 अभ्यर्थियों का चयन होना चाहिए। लेकिन मात्र 768 का ही चयन किया गया है।

इसलिए यह साबित होता है कि सातवीं से दसवी जेपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण दिया गया है। इस दौरान उनकी ओर से मुख्य परीक्षा पर रोक लगाने और प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम को रद करने की मांग की गई। इस दौरान जेपीएससी की ओर से जवाब दाखिल करने का अदालत से समय की मांग की गई। बता दें सातवीं जेपीएससी की मुख्य परीक्षा 28 जनवरी से होनी है।

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