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7th JPSC Exam: हाईकोर्ट ने मुख्य परीक्षा पर रोक लगाने से किया इन्कार

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Ranchi: 7th JPSC Exam झारखंड हाईकोर्ट ने सातवीं से दसवीं तक जेपीएससी की मुख्य परीक्षा पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया। अदालत ने कहा कि इस मामले में प्रार्थी को किसी प्रकार की कोई राहत नहीं दी जा सकती है। मॉडल आंसर गलत होने का दावा करते हुए मुख्य परीक्षा रोकने की मांग की गई थी।

चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत ने इस मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि यह मामला अभी एकलपीठ के यहां सुनवाई के लिए लंबित है। इसलिए अदालत फिलहाल इस मामले में प्रार्थी को किसा प्रकार की कोई राहत नहीं दे सकती है।

इसे भी पढ़ेंः Promotion: हाईकोर्ट ने झारखंड में प्रोन्नति पर लगी रोक के आदेश को किया निरस्त, चार सप्ताह में प्रोन्नति देने का निर्देश

हालांकि अदालत ने मुख्य परीक्षा की तिथि 28 जनवरी से पहले एकलपीठ को इस मामले में सुनवाई कर आदेश पारित करने का निर्देश दिया है। पूर्व में एकलपीठ ने मुख्य परीक्षा पर रोक लगाने के प्रार्थी की आईए याचिका को खारिज कर दिया था। इसके खिलाफ प्रार्थी शेखर सुमन ने खंडपीठ में याचिका दाखिल की थी।

प्रार्थी के अधिवक्ता राजेश कुमार ने कहा कि जेपीएससी की ओर से गलत मॉडल आंसर के आधार पर प्रारंभिक परीक्षा का रिजल्ट घोषित किया गया है। जबकि इससे पूर्व सभी अभ्यर्थियों से इसको लेकर जेपीएससी ने आपत्ति मांगी गई थी। उनकी ओर से भी कई प्रश्नों का उत्तर गलत होने का दावा करते हुए संबंधित दस्तावेज जेपीएससी को भेजे गए थे।

लेकिन जेपीएससी ने गलत आंसर के आधार पर ही परिणाम जारी कर दिया है। पेपर वन के छह और पेपर दो के दो मॉडल उत्तर को गलत बताते हुए संबंधित दस्तावेज भी जेपीएससी को दिया गया। लेकिन जेपीएससी की ओर से संशोधित परिणाम में उक्त उत्तर में सुधार नहीं किया गया। इसलिए परिणाम को निरस्त करने कर मुख्य परीक्षा पर रोक लगानी चाहिए। जेपीएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरवाल और प्रिंस कुमार सिंह ने पक्ष रखा।

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Devesh Ananad

देवेश आनंद को पत्रकारिता जगत का 15 सालों का अनुभव है। इन्होंने कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थान में काम किया है। अब वह इस वेबसाइट से जुड़े हैं।

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