सीसीएल के पीपरवार क्षेत्र में अधिग्रहित जमीन के एवज में नौकरी देने का मूल रैयत की जगह किसी और को दी गई थी नौकरी
Ranchi: पीपरवार क्षेत्र में अधिग्रहित जमीन के एवज में फर्जी तरीके से सीसीएल में नौकरी देने से जुड़े 29 साल पुराने मामले में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की अदालत में फैसला सुनाया है। शुक्रवार को कोर्ट ने मामले में सीसीएल के जीएम सहित नौकरी पाने 24 अभियुक्तों को तीन-तीन साल की सजा और जुर्माना लगाया है।
मामले में सीसीएल के तत्कालीन जीएम हरिहर सिंह सहित 24 को कोर्ट ने सजा सुनाई है। सीबीआई की ओर जारी गवाही पूरी हो चुकी है। सीबीआई की विशेष अदालत ने गवाही बंद करते हुए आरोपियों को बयान दर्ज करना प्रारंभ कर दिया है। मामले में फिलहाल 260आरोपी ट्रायल फेस कर रहा है। कोर्ट ने 2 को बारी कर दिया है।चार्जशीट 28 के खिलाफ दाखिल की गई थी। अदालत ने छह आरोपियों का बयान दर्ज की है। अन्य आरोपियों के बयान दर्ज की प्रक्रिया छठ पूरा बाद पूरी होने के बाद मामले में बचाव पक्ष को सबूत पेश का मौका दिया जाएगा।
इसके बाद मामले में बहस प्रारंभ हो जाएगी। सीसीएल रांची के तत्कालीन सीनियर पर्सनल ऑफिसर की मिलीभगत से 28 ऐसे लोगों को सीसीएल में नौकरी दी गई, जिनकी एक इंच भी जमीन का अधिग्रहण नहीं किया गया था। फर्जीवाड़ा उजागार होने के बाद सीबीआई ने साल 1998 में प्राथमिकी दर्ज की थी। क्या है मामला: जमीन अधिग्रहित की प्रक्रिया पूरी होने के बाद नौकरी संबंधी प्रस्ताव सीसीएल मुख्यालय रांची भेजा गया।
साल 1995 में दो बार में क्रमश: 14 एवं 4 लोगों को जमीन के एवज में नौकरी दी गई। साल 1996 में 10 लोगों को सीसीएल में नौकरी दी गई। फर्जी कागजात पर कुल 28 लोगों को नौकरी दी गई। सभी ने जमीन का गलत दस्तावेज प्रस्तुत कर अधिकारियों की मिलीभगत से नौकरी पाने में सफल रहा। फर्जीवाड़े का उजागार साल 1998 में उस समय हुआ जब वास्तविक हकदार अधिग्रहित जमीन का कागजात लेकर नौकरी मांगने आया। फर्जीवाड़े को लेकर सीबीआई ने 18 अगस्त 1998 को प्राथमिकी दर्ज की। सीबीआई ने पांच साल बाद जांच पूरी करते हुए 3 मई 2003 को चार्जशीट दाखिल की थी।
ट्रायल फेस कर रहे आरोपी
मामले में मनोज पाठक, प्रमोद कुमार, हेमाली चौधरी, बिपिन बिहारी दुबे, मनदीप राम, बंसीधर दुबे, मुरारी कुमार दुबे, केएन दुबे, परमानंद वर्मा, जयपाल सिंह, दिनेश राय, गुरुदयाल प्रसाद, अजय प्रसाद, केदार प्रसाद, निरंजन कुमार, हरद्वार सिंह, विनोद कुमार, मनोज कुमार, संजय कुमार, , बैजनाथ महतो, ललित मोहन सिंह और प्रमोद कुमार सिंह मुकदमे का सामना कर रहा है।