Ranchi: झारखंड हाईकोर्ट में मुआवजा की राशि बढ़ाने को लेकर पिछले दस साल से लंबित चार मामलों का राष्ट्रीय लोक अदालत में निष्पादन हुआ। इसमें बीमा कंपनी की ओर से राशि बढ़ाने पर सहमति के बाद अदालत ने मुआवजा राशि से अतिरिक्त राशि भुगतान का निर्देश दिया। अदालत ने बीमा कंपनियों को 30 दिनों के अंदर ट्रिब्यूनल कोर्ट में अतिरिक्त राशि जमा करने का निर्देश दिया है। पीड़ित परिवार उचित प्रमाण पत्र दिखा मुआवजा राशि प्राप्त कर सकते हैं।
शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत में मोटर वाहन दुर्घटना, श्रम न्यायालय, आपराधिक समेत अन्य मामलों की वर्चुअल सुनवाई हुई। अधिवक्ता अरविंद कुमार लाल ने बताया कि पीड़ित परिवारों को निचली अदालत से मुआवजा राशि मिल चुकी थी। लेकिन इन्होंने इस राशि को बढ़ाने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। बताया कि मेरुन देवी, शीला देवी, सुरती, विनोद, मसोमात शहीदन व अजमेरन देवी लातेहार में बस से जा रहे थे। बस पलट गइ थी।
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इनलोगों के परिजनों को 1.50 से 1.75 लाख का मुआवजा मिला था। शनिवार को लोक अदालत में सुनवाई के बाद इन्हें 1.30 लाख अतिरिक्त मुआवजा राशि देने का आदेश हुआ। पुष्पा देवी के पति की खूंटी जिला में मोटरसाइकिल दुर्घटना में मौत हो गई थी। ट्रिब्यूनल कोर्ट से फैसला होने के बाद भी बीमा कंपनी पैसा नहीं दे रही थी। ट्रिब्यूनल कोर्ट से चार लाख मुआवजा देने का आदेश हुआ था। इस दौरान कुल 15765 मामलों का निष्पादन किया गया।
इसके बाद इन्होंने ब्याज के साथ अतिरिक्त 2.25 लाख रुपये मुआवजा देने का आग्रह किया है। मीरा देवी के बच्चे की मौत पर मुआवजा के तौर 1.50 लाख रुपये मिले थे। यह राशि वर्ष 2011 में मिली थी। लोक अदालत में 1.75 लाख रुपये अतिरिक्त मुआवजा देने का आदेश हुआ है। वहीं, वीणा सिन्हा भूमि विकास बैंक में मैनेजर थी। 2005 में दुर्घटना में उनकी मौत हो गई थी। इन्हें 2.50 लाख रुपये अतिरिक्त मुआवजा देने को लेकर सहमति बनी