झारखंड हाई कोर्ट में गैंगस्टर सुशील श्रीवास्तव हत्याकांड में सजायाफ्ता विशाल सिंह की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने विशाल सिंह को राहत देने से इन्कार करते हुए याचिका खारिज कर दी है।
विशाल सिंह को हजारीबाग कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। सजा के खिलाफ उसकी ओर से हाई कोर्ट में अपील दाखिल करते हुए जमानत देने की गुहार लगाई गई थी। इस मामले में जस्टिस आर मुखोपाध्याय और राजेश कुमार की अदालत में सुनवाई हुई।
सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से सुप्रीम कोर्ट की वरीय अधिवक्ता अंजना प्रकाश ने अदालत को बताया कि इस मामले में विशाल सिंह निर्दोष है। उसे इस मामले में गलत तरीके से फंसाया गया है। मामले के गवाहों पर भरोसा नहीं किया जा सकता है, क्योंकि कोई भी गवाह मौके पर मौजूद नहीं था। इसलिए प्रार्थी को जमानत की सुविधा मिलनी चाहिए।
विशाल सिंह की जमानत का विरोध
सुशील श्रीवास्तव की ओर से पक्ष रख रहे अधिवक्ता कुमार हर्ष ने विशाल सिंह की जमानत का विरोध किया। उन्होंने कहा कि निचली अदालत ने सभी तथ्यों को देखते हुए सजा सुनाई है, जो बिल्कुल सही है।
विशाल की पूर्व में एक बार जमानत याचिका खारिज हो चुकी है। इसके अलावा उसने 35 दिन की पैरोल के बाद डेढ़ साल तक बाहर रहा। इसलिए इस पर भरोसा नहीं किया जा सकता है। इसके बाद अदालत ने प्रार्थी की जमानत याचिका खारिज कर दी।
चंदन डैम की सफाई से केंद्र सरकार ने पल्ला झाड़ा
चंदन डैम की मरम्मत के मामले में केंद्र सरकार के जवाब पर झारखंड हाईकोर्ट ने बिहार और झारखंड सरकार अप पक्ष रखने का निर्देश दिया है। चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा और जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने सांसद निशिकांत दुबे की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया।
केंद्र सरकार ने जवाब दाखिल करते हुए कहा है कि नियमों के अनुसार जो इलाका जिस राज्य में पड़ता है वहां का काम उसी राज्य को कराना है। इस पर अदालत ने दोनों राज्यों से अपना पक्ष रखने को कहा है। अगली सुनवाई फरवरी में होगी।
पूर्व में मामले की सुनवाई के दौरान बिहार सरकार की ओर से अधिवक्ता ने अदालत को यह जानकारी दी की नहर से गाद निकालने के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखा गया है कि केंद्र सरकार साझा अभियान चलाकर नहर को साफ करे। लेकिन केंद्र सरकार ने इसका जवाब नहीं दिया है।
शुक्रवार को केंद्र सरकार ने अपना जवाब दाखिल कर डैम के मामले में दोनों राज्यों को अपना अपना काम करने के प्रावधान की जानकारी दी। डैम की सफाई और मरम्मत के लिए सांसद निशिकांत दुबे ने जनहित याचिका दायर की है।
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