कुलपति नहीं कर सकते शिक्षकेत्तर कर्मचारियों का ट्रांसफर, हाई कोर्ट ने निरस्त किया आदेश

Jharkhand High Court News: झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस गौतम कुमार चौधरी ने एक मामले में सुनवाई करते हुए तृतीय वर्ग के कर्मियों के तबादला करने का कुलपति के आदेश को निरस्त कर दिया है। अदालत ने ट्रांसफर आदेश निरस्त करते हुए कहा कि एक कॉलेज से दूसरे कॉलेज में तृतीय वर्ग के कर्मचारियों के तबादले अधिकार कुलपति को नहीं है।

इस संबंध में अंबरीश कुमार और मुग्धा तिवारी ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर अपने ट्रांसफर के आदेश को चुनौती दी थी। मामले की सुनवाई के दौरान प्रार्थियों की ओर से अधिवक्ता पांडेय नीरज राय ने वैद्यनाथ ठाकुर बनाम रांची विश्वविद्यालय व अन्य मामले में पारित आदेश का हवाला दिया गया।

कुलपति को ट्रांसफर का अधिकार नहीं

बताया गया कि विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को एक अंगीभूत कॉलेज से दूसरे अंगीभूत कॉलेज में स्थानांतरित करने का अधिकार क्षेत्र नहीं है। प्रार्थी की ओर से चार जुलाई 2023 को रांची विश्वविद्यालय के कुलपति के ट्रांसफर आदेश को निरस्त करने का आग्रह किया गया था।

बता दें की शिक्षकेत्तर कर्मी मुग्धा तिवारी को डोरंडा कॉलेज से रांची वीमेंस कॉलेज तथा लेखापाल अंबरीश कुमार को रांची वीमेंस कॉलेज से डोरंडा कॉलेज ट्रांसफर किया गया था।

रतन हाईट्स मामले में 17 जनवरी को सुनवाई

रतन हाइट्स सोसाइटी के मामले में एकलपीठ के आदेश के खिलाफ दायर अपील याचिका पर अब 17 जनवरी को सुनवाई होगी। रतन हाइट्स सोसाइटी का निर्माण करने वाले बिल्डर की ओर से अदालत से जवाब दाखिल करने के लिए समय देने का आग्रह किया गया।

अदालत को बताया गया कि शपथपत्र तैयार है, लेकिन दाखिल नहीं किया जा सका है। इस पर चीफ जस्टिस संजडय कुमार मिश्रा और जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने समय देते हुए सुनवाई 17 जनवरी को निर्धारित कर दी। पूर्व में सुनवााई करते हुए अदालत ने रतन हाइट्स सोसाइटी के बिल्डर को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था।

सुनवाई के दौरान रतन हाइट्स सोसाइटी की ओर से बताया गया कि एकल पीठ ने उनके पक्ष में फैसला दिया है, लेकिन जमीन मालिक ने एकलपीठ का आदेश का पालन नहीं किया है। उनकी ओर से एकलपीठ के आदेश के खिलाफ खंडपीठ में अपील दायर की गयी है।

आदेश का पालन नहीं किए जाने पर सोसाइटी ने अवमानना याचिका भी दायर की है, जिस पर एकलपीठ में तीन नवंबर को सुनवाई निर्धारित है। प्रार्थी की ओर से बताया गया कि एकल पीठ के आदेश के बावजूद बिल्डर ने रतन हाइट्स के बगल में स्थित गड्ढे को नहीं भरा है।

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