रांची। शुक्रवार को झारखंड हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन के तत्वावधान में एक ऑनलाइन वेबिनार का आयोजन किया गया, जिसमें झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस आनंद सेन ने याचिका को दाखिल करने से पूर्व उसमें प्लीडिंग्स (अभी वचन) का क्या महत्व है, इसके बारे में विस्तार से बताया। वेबिनार का शुभारंभ एसोसिएशन की अध्यक्ष ऋतु कुमार ने सभी का स्वागत करते हुए विषय के बारे में जानकारी दी।
इसके बाद हाईकोर्ट के जस्टिस आनंद सेन कहा कि याचिका में प्लीडिंगस बहुत ही सावधानी से लिखना चाहिए ताकि याचिका में कोई भी ऐसी महत्वपूर्ण बिंदु वंचित न रह जाए, नहीं तो याचिका दाखिल करने के बाद सुनवाई के दौरान प्लीडिंग्स पूर्ण नहीं होने के कारण बार और बेंच दोनों को असुविधा होती है। ऐसा नहीं होने के बाद हाईकोर्ट में अनुपूरक शपथ पत्र दाखिल करना पड़ता है जिससे अदालत एवं मुवक्किल का बहुत ही समय बर्बाद होती है।
जस्टिस आनंद सेन कहा कि जहां तक निचली अदालत का सवाल है वहां अमेंडमेंट ऑफ रिट फाइल करना पड़ता है, जो कि बहुत ही लंबी प्रोसेस है। ऐसे में मुवक्किल को कठिनाई का सामना करना पड़ जाता है। ऐसे में प्लीडिंग्स बहुत ही महत्वपूर्ण हो जाता है। इसलिए अधिवक्ताओं को याचिका दाखिल करने में इसकी महत्ता को भली-भांति समझना चाहिए और अमल करना चाहिए।
इस वेबिनार में सैकड़ों की संख्या में अधिवक्ताओं ने भाग लिया। इस दौरान पूर्व महाधिवक्ता अजीत कुमार, मधुसूदन मित्तल, राजीव शर्मा, धीरज कुमार, नवीन कुमार, अशोक कुमार, राखी रानी, भानू कुमार, अमिताभ, कृष्ण मुरारी, अभय मिश्रा वीसी के माध्यम से उपस्थित रहे। वेबिनार के अंत में एसोसिएशन के उपाध्यक्ष मुकेश कुमार सिन्हा ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
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