Ranchi: झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस एके चौधरी की पीठ में पाञ्चजन्य साप्ताहिक पत्रिका के संपादक हितेश शंकर एवं पत्रकार अरुण कुमार सिंह पर प्राथमिकी के खिलाफ दाखिल याचिका पर गुरुवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद पीठ ने पत्रिका से संपादक और पत्रकार के खिलाफ प्राथमिकी को निरस्त कर दिया। लातेहार के महुआटांड में पत्रिका के संपादक हितेश शंकर, पत्रकार अरुण कुमार सिंह और राम प्रवेश के खिलाफ संत जोसेफ प्लस टू विद्यालय के प्राचार्य फादर दिलीप एक्का ने प्राथमिकी कराई थी। अरुण कुमार सिंह ने पत्रिका में चर्च के कार्यों को लेकर आवरण कथा प्रकाशित की थी। जिसमें आदिवासियों की आड़ में पत्थलगड़ी के पीछे ईसाइयों के हाथ होने का आरोप लगाया गया था।
फादर दिलीप एक्का पर भी हिंदुओं के खिलाफ ईसाइयों को भड़काने और नक्सली गतिविधियों को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था। पत्रिका में छपे आर्टिकल को राम प्रवेश ने वाट्सएप के जरिए प्रसारित किया था। उसका भी नाम प्राथमिकी में नामजद करते हुए सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने और आपराधिक मानहानि का आरोप लगाया गया था। लोगों के बीच उनकी छवि को खराब करने का प्रयास किया गया है। प्रार्थियों की ओर से अधिवक्ता प्रभात कुमार सिन्हा एवं कुमारी रंजना सिंह ने ने पीठ को बताया कि इस आर्टिकल में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने जैसा कोई कंटेट नहीं थी। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता संविधान में सभी को मिली है। पत्रकार ने सूचना और लोगों के बयान के आधार पर आर्टिकल प्रकाशित किया है। इसलिए प्राथमिकी निरस्त की जानी चाहिए। अदालत ने प्रार्थी की बातों से सहमति जताते हुए पत्रिका के संपादक हितेश शंकर, पत्रकार अरुण कुमार सिंह और राम प्रवेश के खिलाफ प्राथमिकी को निरस्त कर दिया।